सवैये Class 9 Hindi Chapter 11 Extra Questions Savaiye Important Questions
सवैये Class 9 Hindi Chapter 11 Extra Questions Savaiye Important Questions |
सवैये Class 9 Hindi Chapter 11 Extra Questions Savaiye Important Questions -NCERT IMPORTANT QUESTION
सवैये
(रसखान)
प्रश्न- ब्रज के प्रति कवि का प्रेम किन किन रुपों में प्रकट हुआ है?
ब्रज भूमि के प्रति कवि का प्रेम अलग-अलग रूप में दिखाई पड़ता है। कवि कहता है कि जन्म में मनुष्य बने तो ब्रज के ग्वालों के बीच रहना चाहेगा। यदि पशु बने तो नंद की गायों के साथ चरना चाहेगा। पत्थर बने तो उसी पर्वत का जिसे श्रीकृष्ण ने इन्द्र का घमंड चूर
के लिए अपनी अंगुली पर उठाया था । पक्षी बनने पर वह यमुना किनारे लगे कंदब के वृक्षों पर अपना बसेरा बनाना चाहेगा |
प्रश्न- एक लकुटी और कामरिया पर कवि सबकुछ न्यौछावर करने को क्यों तैयार है ?
श्री कृष्ण हाथ में लकुटी लेकर और काली कंबली ओढकर सारे व्रज क्षेत्र में गाँए चराते फिरते थे। कवि श्रीकृष्ण के इसी रूप पर मोहित है; इसलिए एक लकुटी और कामरिया पर सब कुछ न्योछावर करने को तैयार है।
सवैये Class 9 Hindi Chapter 11 Extra Questions Savaiye Important Questions -EXTRA Questions
प्रश्न - रसखान के सवैयों के आधार पर श्रीकृष्ण के रूप-सौन्दर्य का अपने शब्दों में वर्णन करें।
उत्तर -रसखान के सवैयों के आधार पर श्रीकृष्ण का जो रूप सौन्दर्य प्रकट होता है, उसके अनुसार श्रीकृष्ण अपने सिर पर मोर पंखों का बना हुआ मुकुट धारण किए हुए हैं। उन्होंने अपने गले में गुंजा के फूलों की माला पहन रखी है तथा पीले वस्त्र धारण किए हुए हैं। उनकी मुसकान बड़ी मनोहारी है तथा वे अपने होंठों पर बाँसुरी को धारण किए रहते हैं।
प्रश्न - अगले जन्म के लिए कवि की क्या अभिलाषा है?
उत्तर - अगले जन्म के लिए कवि की अभिलाषा है कि यदि उसका अगला जन्म मनुष्य के रूप में हो तो वह ब्रज तथा गोकुल गाँव के ग्वाल-बालों के बीच रहे। यदि उसका अगला जन्म पशु के रूप में हो तो वह नंद की गायों के बीच चरे। यदि उसका अगला जन्म पत्थर के रूप में हो वह उसी पर्वत पर स्थान पाए, जिसे श्रीकृष्ण ने अँगुली पर धारण किया था। इसी प्रकार यदि उसका अगला जन्म पक्षी के रूप में हो वह यमुना तट पर उगे कदंब के पेड़ पर बसेरा करे।
प्रश्न - गोपी भगवान श्रीकृष्ण की मुरली को अपने होंठों पर धारण क्यों नहीं करना चाहती ?
उत्तर - गोपी को भगवान श्रीकृष्ण का रूप सौन्दर्य बहुत ही आकर्षित करता है। इसलिए वह भगवान कृष्ण का रूप धरना चाहती है। परन्तु भगवान कृष्ण के इस रूप धारण में वह अपने होंठों पर मुरली को धारण नहीं करना चाहती क्योंकि उसे लगता है कि मुरली उसकी सौतन है। जब भगवान श्रीकृष्ण मुरली बजा रहे होते हैं, तो उसकी तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं देते।
प्रश्न - भगवान श्रीकृष्ण से सम्बन्धित वस्तुओं, स्थानों एवं कार्यों को लेकर कवि की क्या अभिलाषा है?
उत्तर - भगवान श्रीकृष्ण से सम्बन्धित वस्तुओं, स्थानों एवं कार्यों को लेकर कवि की अभिलाषा है कि यदि उसे वह वस्तुएँ–भगवान श्रीकृष्ण की लाठी और कंबल मिल जाएँ तो उन पर वह तीनों लोकों को न्योछावर कर सकते हैं। यदि उन्हें ब्रज के वन, बाग और तालाब निहारने का अवसर मिल जाए तो वे उन पर करोड़ों सोने के भवनों को न्योछावर कर सकते हैं। इसी प्रकार यदि उन्हें नंद की गाएँ चराने का अवसर प्राप्त हो जाए तो वे इस सुख के बदले आठों सिद्धियों और नौ निधियों का त्याग कर सकते हैं।
प्रश्न - गोपी किस प्रकार श्रीकृष्ण के जादुई व्यक्तित्व से बचना चाहती है, परन्तु अपने को असमर्थ पाती है?
उत्तर- गोपी भगवान श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व से बड़ी प्रभावित है। उसे मालूम है कि उनके व्यक्तित्व में उनके मुरली वादन तथा उनकी 'गोधन' वाली तान का बड़ा महत्त्व है। अतः वह इनसे अपने को बचाने के लिए श्रीकृष्ण के मुरलीवादन के समय अपने कानों में अंगुली रख लेती है तथा उनके गोधन राग की तरफ कोई ध्यान नहीं देती। परन्तु जैसे ही वह उनके मुख की मनोहारी मुस्कान को देखती है तो अपने को संभाल नहीं पाती। इस प्रकार वह उनके जादुई व्यक्तित्व के प्रभाव से बचना चाहती है, परन्तु अपने को असमर्थ पाती है।
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