Bazar Darshan MCQ-Class 12 Hindi Chapter 2 बाजार दर्शन MCQ Questions
Bazar Darshan MCQ-Class 12 Hindi Chapter 2 बाजार दर्शन MCQ Questions |
Bazar Darshan MCQ-Class 12 Hindi Chapter 2 बाजार दर्शन MCQ Questions
बाजार दर्शन : जैनेंद्र
(क) फणीश्वरनाथ रेणु
(ख) जैनेंद्र कुमार
(ग) विष्णु खरे
(घ) हजारी प्रसाद द्विवेदी।
2. मित्र मामूली चीज खरीदने के स्थान पर बहुत सारा सामान खरीद कर क्यों आए?
(क) आवश्यकता थी
(ख) वेतन वृद्धि हो गई थी
(ग) पत्नी के कारण
(घ) बच्चों के कारण।
3. किसकी गर्मी बाजार से अधिक सामान खरीदने पर विवश करती है ?
(क) मौसम की
(ख) दिमाग की
(ग) पत्नी की
(घ) पैसे की।
4. फ़िजूल सामान को फ़िजूल समझने वाले लोगों को क्या कहा गया है ?
(क) मुर्ख
(ख) संयमी
(ग) खर्चीला
(घ) स्वाभिमानी।
5. असंतोष, तृष्णा और ईर्ष्या मनुष्य को क्या बना देते हैं ?
(क) संयमी
(ख) संतोषी
(ग) बहादुर
(घ) बेकार।
6. ऊँचे बाजार का आमंत्रण कैसा होता है ?
(क) आकर्षक
(ख) मूक
(ग) वाचाल
(घ) भयंकर
7. किस बाजार में खड़े होकर आदमी को लगता है कि उसके पास काफ़ी नहीं है ?
(क) सदर
(ख) गाँधी
(ग) चौक
(घ) कमेटी।
8. सजा-धजा बाज़ार क्या करता है ?
(क) नियंत्रित
B. संचालित
(ग) संगठित
(घ) आमंत्रित।
9.लेखक का दूसरा मित्र बाजार से खाली हाथ क्यों आया ?
(क) वह सब कुछ नहीं खरीदना चाहता था
(ख) उसके पास पैसे नहीं थे।
(ग) वह कुछ कम नहीं खरीदना चाहता था
(घ) वह कुछ भी नहीं छोड़ना चाहता था।
10. बाजार में क्या है ?
(क) जादू
(ख) वस्तुएँ
(ग) सौंदर्य
(घ) गति।
11. बाज़ार का जादू किस के माध्यम/राह से काम करता है ?
(क) हाथ
(ख)नाक
(ग) मुँह
(घ) आँख।
12. लू में जाना हो तो क्या पीकर जाना चाहिए ?
(क) चाय
(ख) कॉफी
(ग) पानी
(घ) गर्म दूध।
13. बाजार की असली कृतार्थता किस में है ?
(क) लोगों को लुभाना
(ख) सामान खरीदने के लिए विवश करना
(ग) मोल-भाव करना
(घ) आवश्यकता के समय काम आना।
14. ठाठ देख कर मन को बंद करना क्या है ?
(क) जड़ता
(ख) गति
(ग) जीवन
(घ) संजीवनी।
15. मन को किसकी छूट नहीं होनी चाहिए ?
(क) निरोध की
(ख) मनमानेपन की
(ग) विरोध की
(घ) संवेग की।
16. भगत जी क्या वेचते हैं ?
(क) फल
(ख) मेवे
(ग) मंजन
(घ) चूरन
17. भगत जी चूरन से प्रतिदिन कितने आने कमा लेते हैं ?
(क) चार
(ख) पाँच
(ग) छह
(घ) चौदह
18. लेखक भगत को चूरन बेचते हुए कितने वर्षों से देख रहा है
(क) आठ
(ख) दस
(ग) बारह
(घ) सात
19. संचय की तृष्णा और वैभव की चाह में व्यक्ति की क्या प्रमाणित होती है ?
(क) शक्ति
(ख) महानता
(ग) निर्बलता
(घ) सबलता।
20. बाजार को सार्थकता कैसा व्यक्ति प्रदान करता है ?
(क) जिसे पता है कि उसने क्या खरीदना है
(ख) जिसके पास बहुत पैसे होते हैं
(ग) जो कुछ भी खरीद सकता है
(घ) जिसे पता नहीं है कि उसने क्या खरीदना है।
21. बाजार का बाजारूपन कौन लोग बढ़ाते हैं ?
(क) अधिक पैसे वाले
(ख) जिन्हें पता नहीं कि उन्हें क्या खरीदना है
(ग) जो कंजूस हैं
(घ) जो संन्यासी हैं।
22. जैनेंद्र कुमार का जन्म किस सन् में हुआ था ?
(क) 1901
(ख) 1902
(ग) 1904
(घ) 1905.
23. जैनेंद्र कुमार का जन्म कहाँ हुआ था ?
(क) इटावा
(ख)आगरा
(ग) अलीगढ़
(घ) बुलंदशहर।
24. जैनेंद्र कुमार का निधन किस वर्ष में हुआ ?
(क) 1989
(ख)1990
(ग) 1991
(घ) 1992.
25. भारत सरकार द्वारा जैनेंद्र कुमार को कौन-सा सम्मान मिला ?
(क) पद्मश्री
(ख) पद्मभूषण
(ग) पद्मविभूषण
(घ) भारतश्री।
26. जैनेंद्र कुमार पर किस बात का प्रभाव है?
(क) गाँधीवाद
(ख) साम्यवाद
(ग) रोमांसवाद
(घ) रोमांचवाद।
27. लेखक के अनुसार केवल बाजार का पोषण करनेवाला अर्थशास्त्र है
(क) नीतिशास्त्र
(ख) अनीतिशास्त्र
(ग) अधर्मशास्त्र
(घ) अज्ञानशास्त्र |
28.. धन की ओर कौन झुकता है ?
(क) निर्धन
(ख) विवश
(ग) निर्बल
(घ) असहाय।
29. जो लाग बाजारूपन बढ़ाते हैं, वे साथ ही साथ अन्य किस दोष को है?
(क) महंगाई
(ख) झूठ
(ग) कपट
(घ) ईर्ष्या
30. किसी की समृद्धि को देखकर अपने प्रति हीन भावना पैसे की कौन-सी शक्ति है ?
(क) क्रय
(ख) विक्रय
(ग) महान्
(घ) व्यंग्य
31. लेखक ने बाज़ार के जादू को किस प्रकार का जादू कहा है
(क) शक्ति का जादू
(ख) रूप का जादू
(ग) धन का जादू
(घ). लाभ का जादू
32. चूरन बेचने वाले भगत जी कैसे व्यक्ति हैं ?
(क) संतोषी
(ख) लालवी
(ग) घमंडी
(घ) निर्धन
33. चूरन बचने वाले महानुभाव का लोग किस नाम से पुकारा करते थे .
(क) चूरन वाला
(ख) भगत जी
(ग) मस्त राम
(घ) फेरी वाला।
34 चूरन बेचने वाले ने एक ही दिन में कितने से अधिक धनराशि कभी नहीं कमाई थी ?
(क) छः आने
(ख) आठ आने
(ग) एक रुपया
(घ) दो रुपये।
35. मित्र ने लेखक के सामने अपना क्या फैला दिया था ?
(क) थैला
(ख) मनी बैग
(ग) हाथ
(घ) रुमाल।
36. 'बाजार दर्शन' पाठ में चूरन वाले द्वारा रोजाना छह आने कमाए जाने का वर्णन लेखक ने किया है। यहां एक आना कितने पैसे के बराबर हैं ?
(क) 2 पैसे
(ख) 4 पैसे
(ग) 6 पैसे
(घ) 12 पैसे।
37. 'बाजार दर्शन' पाठ में लेखक डॉ० मिश्र किसके साथ बाजार गया ?
(क) लेखक
(ख) पत्नी
(ग) दोस्त
(घ) अकेला।
38. लेखक ने बाजार दर्शन पाठ में चूरन वाले को अकिंचित्कर कहा है, जिसका अर्थ है
(क) ठग
(ख) भिखारी
(ग) अर्थहीन
(घ) व्यापारी।
39. बाजार दर्शन के लिए पैसा क्या है ?
(क) पावर
(ख) टावर
(ग) साधन
(घ) सम्मान।
40. पैसे की व्यंग्य शक्ति व्यक्ति को अपने संगो के प्रति कैसा बना देती है ?
A. कमजोर
B. कृतज्ञ
C. कृतघ्न
D. अहंकारी
41. भरे बाजार में भगत जी कौन-सी एकमात्र जगह पर रूकते है ?
A. फैसीस्टोर
B. रेडिमेड शाॅप
C करियाना स्टोर
D. पंसारी की दुकान
42. भगत जी के लिए चौक की चाँदनी दाएं-बाए किस प्रकार फैली रह जाती है?
A. भूखी की भूखी
B. प्यासी की प्यारी
C. घरी की घरी
D. कोई नहीं
43. चूरनवाला किसका सरनाम था ?
A. भगत जी
B. लेखक
C. लेखक के मित्र
D. कोई नही
44. कैसे लोगो को पैसे की परीक्षा की दरकार नहीं है?
A. बुद्धिमान और संयमी
B. संतोषी
C. बहादुर
D. बेकार
45. बाजार का आग्रह क्या जगाता है ?
A. आनंद
B. दुख
C. तिरस्कार
D. अहंकार
46. बाजार का जादू किस राह से काम करता है?
नाक की
ओठ की
आँख की
मुंह की
47 फ़ैसी चिजों की अधिकता आराम में___डालती हैं।
आनंद
रस
खलल
जहर
48. मन मे लक्ष्य भरा हो तो बाजार कैसा रह जाता है?
A. भरा का भरा
B. धरा का धरा
C. फैला का फैला
D. हरा का हरा
49. हम सब इच्छाओं का निरोध कर लेंगे यह____ है।
A. झूठ
В सत्य
C. पाप
D. पुण्य
50- लेखक के अनुसार सच्चा ज्ञान हमारे भीतर किस बोध को गहरा करता है ?
A.अपूर्णता
B. पूर्णता
C.अंहकार
D.उजाला
51. मन को किसकी छूट नहीं होनी चाहिए?
A. अनमनेपन की
B. मनमानेपन की
C. पाप
D. अकर्म की
52. लेखक ने बाजार को किसकी सजा दी है ?
शैतान के जाल की
53. शैतान के जाल मेज फंसने नाले को क्या कहा है?
बेहया
54. अगर हमे अपनी चाह का ठीक ठीक पता नहीं है तो क्या होगा?
हर ओर की चाह हमे घेर लेंगी।
55. बाजार के जादू का असर कब होता है ?
जब मन खाली और जेब भरी हो
56. बाजार के जादू से बचने का क्या उपाय है?
मन खाली नहीं होना चाहिए।
57. बाजार की असली कृतार्थता क्या है?
आवश्यकता के समय काम आना
58. शून्य होने का अधिकार किसका बताया गया है ?
परमात्मा का
59. बाकी बचे चूरन का भगत जी क्या करते थे?
बच्चों मे बाँट देते थे।
60. जहाँ तृष्णा और बटोर रखने की स्पृहा है वहाँ कौन सा बल नही होता?
शआत्मिक, चार्मिक या नैतिक बल
61. कपट के बढ़ने से क्या होता है -
सद्भाव घट जाता है।
62. सद्भाव काटने से हमारा व्यवहार किस तरह का हो जाता है ?
गाहक और बेचक का
63. कपट से भरा व्यवहार मानवता के लिए क्या है ?
एक विडम्वना
64. कपट से भरे अर्थशास्त्र को क्या-2 कहा गया है ?
औंधा, मायावी व अनीतिशास्त्र
कठिन शब्दार्थ
65. मामूली : = साधारण।
66. बंडल = पैकेट।
67. कायल = मान लेने वाला, प्रशंसक
68. पर्चेजिंग पावर = सामान खरीदने की शक्ति या जोश।
69. संयमी = जो अपने पर काबू रखता हो।
70. फ़िजूल= बेकार, व्यर्थ ।
71. दरकार = आवश्यकता।
72. गर्व = अभिमान।
73. मनीबेग = पैसे का थैला ।
74. हरज़ = बुराई।
75. मूक-गूंगा बिना बोल।
76. तिरस्कार =अपमान।
77. परिमित = सीमित, सीमा में बंधा हुआ।
78. मर्यादा = सीमा, लाज।
79.खलल = दखल प्रवेश
90. सेंक= सहारा।
91. गिल्टी= अपराध ।
92. कृतार्थ- कृपा |
93. शून्य = प्रभु।
94. पेशगी = कार्य से पहले दिया जाने वाला धन ।
95. सुहृद= अच्छा मित्र।
गद्यांशों
मैंने मन में कहा, ठीक । बाज़ार आमंत्रित करता है कि आओ मुझे लूटो और लूटो। सब भूल जाओ, मुझे देखो । मेरा रूप और किसके लिए है? मैं तुम्हारे लिए हूँ। नहीं कुछ चाहते हो, तो भी देखने में क्या हरज़ है। अजी आओ भी। इस आमंत्रण में यह खूबी है कि आग्रह नहीं है आग्रह तिरस्कार जगाता है। लेकिन ऊँचे बाज़ार का मूक होता है और उससे चाह जगती है। चाह मतलब अभाव। चौक बाज़ार में खड़े होकर आदमी को लगता है कि उसके अपने पास काफ़ी नहीं है और चाहिए, और चाहिए। मेरे यहाँ कितना परिमित है और यहाँ कितना अतुलित है ओह !
96. बाज़ार किसको और किस लिए आमंत्रित करता है ?
बाज़ार ग्राहकों को आमंत्रित करता है। वह इसलिए आमंत्रित करता है कि ग्राहक उसे ज्यादा से ज्यादा लूटे और देखते रहें।
97. बाज़ार का रूप किसके लिए है ?
बाज़ार का रूप ग्राहकों के लिए है।
98. बाज़ार के आमंत्रण के क्या गुण हैं ? क्यों ?
बाज़ार के आमंत्रण में यह गुण है कि उसमें आग्रह नहीं है क्योंकि आग्रह तिरस्कार जगाता है।
99. ऊँचे बाज़ार का आमंत्रण कैसा होता है ?
ऊँचे बाज़ार का आमंत्रण मूक होता है।
100. चौक बाज़ार में खड़े होकर आदमी को क्या लगता है ?
चौक बाज़ार में खड़े होकर आदमी को लगता है कि उसके पास काफ़ी सामान नहीं है इसलिए उसे और चाहिए वह अधिक की कामना करने लगता है।
बाजार दर्शन- पाठ में प्रयुक्त मुहावरे
101. कायल होना - प्रभावित होना
102. माल-टाल जमा होना - दिखावा होना
103. गर्व से फूलना-घमण्ड में भरना
104. कलेजे में कौंधना - भीतर तक प्रभावित करना
105. आँखो में उँगली डालना - जबरदस्ती दिखाना
106. चूर-चूर होना - अत्याधिक थकना
107. पानी-पानी होना - लज्जित होना
108. फलना-फूलना - आगे की ओर बढ़ना/तरक्की करना
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