Class 9 Hindi Kritika Chapter 4 Important Questions Mati Wali Extra Questions and Answers माटी वाली
माटी वाली
( विद्यासागर नौटियाल)
NCERT IMPORTANT QUESTION
प्रश्न - माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था?
माटी वाली सुबह से शाम तक माटाखान में माटी खोदती और फिर शहर के घर-घर तक माटी पहुँचा कर आती । इतनी मेहनत के बाद वह अपने लिए रोटी कमा पाती थी। इस प्रक्रिया में उसका सारा दिन बीत जाता । इसलिए उसके पास अपने बुरे या अच्छे भाग्य के लिए सोचने का वक्त नहीं थी।
प्रश्न -2 "गरीब आदमी का श्मशान नही उजड़ना चाहिए।" इस कथन का आशय स्पष्ट करो।
टिहरी बाँध में पानी भरने के कारण सभी लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगहों पर जा रहे थे। लेकिन उसी समय माटी वाली के बीमार पति की मौत हो जाती है तो उसे डर होता है कि कैसे वह अपने पति का अंतिम संस्कार कर सकेगी। इसलिए वह कहती है कि घर भले ही उजड़ जाए, गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए।
प्रश्न 3- माटी वाली का रोटियों का इस तरह हिसाब लगाना उसकी किस मजबूरी को प्रकट करता है?
माटी वाली को माटी डालने के पश्चात् जब दो चार रोटियाँ मिलती है तो वह हिसाब लगाने लगती है कि वह खुद कितनी रोटी खाएगी और अपने पति को कितनी रोटियाँ देगी। उसका इस प्रकार रोटियों का हिसाब लगाना, उसकी अत्यधिक गरीबी को ही प्रकट करता है।
प्रश्न - 'विस्थापन की समस्या' पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर- विस्थापन का अभिप्राय है-जहाँ कोई रहता है, वहाँ से हमेशा-हमेशा के लिए दूसरे स्थान पर चले जाना। प्रत्येक व्यक्ति को अपना आवास स्थान अच्छा लगता है, भले ही वह झोपड़ी हो। उसे छोड़कर और किसी स्थान पर जाना दुखदायी होता है। भारत के आजाद होने पर हिन्दू-मुसलमानों के आपसी झगड़े से कितने ही लोगों के लिए विस्थापन की समस्या आई थी। जो लोग भारत को छोड़कर पाकिस्तान जा रहे थे वे सब कुछ यहाँ छोड़कर जा रहे थे। वहाँ उन्हें क्या मिला, कैसा मिला, यह सब सोचकर भी दुख होता है। कश्मीरी पंडितों पर भी आतंकी हमलों को लेकर विस्थापन की समस्या बनी हुई है।
EXTRA QUESTIONS ANSWERS
प्रश्न - कहानी के आधार पर माटी वाली का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर- कहानी के आधार पर माटी वाली के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
1. मेहनती- माटी वाली सुबह से शाम तक माटाखान से माटी खोदती है व घर-घर जाकर उसको डालकर आती है। काम समाप्त करके वह पैदल ही अपने घर जाती हैं।
2. पतिव्रता- रोटियों का हिसाब लगाना, आज बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी आदि प्रसंगों से हम देखते हैं कि माटी वाली भारतीय संस्कृति के अनुरूप पतिव्रता है।
3. अभावग्रस्त- माटी वाली अभावग्रस्त महिला है। उसके पास न जमीन है न ही ढंग से खाने को दो वक्त की रोटियाँ। वह जीवन-पर्यन्त अभावग्रस्त रही है।
प्रश्न - माटी वाली की मिट्टी से नगरवासी क्या करते थे?
उत्तर- टिहरी नगर की मिट्टी रेतीली है उससे चूल्हों आदि की लिपाई संभव नहीं। यही कारण था चूल्हों की लिपाई के लिए माटी वाली का इंतजार रहता था मुख्य रूप से नगरवासी माटी वाली की मिट्टी चूल्हे व चौकों की लिपाई के लिए उपयोग करते था। साथ ही साथ साल-दो साल में मकान के कमरों, दीवारों की गोबरी-लिपाई करने केलिए भी लाल मिट्टी की जरूरत पड़ती रहती थी।
प्रश्न - माटी वाली के शाम को घर लौटने पर बुड्ढे की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
उत्तर- जब माटी वाली शाम को घर लौटती तो बुड्ढा अपनी व्याकुल नजरों से उसकी ओर देखता है। वह घर में भोजन
बनने का इंतजार करने लगता है। बुढ़िया का यह कहना है कि वह आज तीनों रोटी बुड्ढे को देगी और हाँ प्याज की चटनी भी देगी, इससे दोनों का स्नेह झलकता है।
प्रश्न - 'भूख मीठी कि भोजन मीठा' से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- 'भूख मीठी कि भोजन मीठा' से अभिप्राय यह है कि भोजन का असली स्वाद तो वही बता सकता है जो कई दिनों से भूखा है। भूखे व्यक्ति को कैसा भी भोजन मिलने पर वह खुशी से उसको खाता है जबकि तृप्त व्यक्ति को भोजन का असली मजा नहीं मिलेगा। उदाहरण के रूप में इस कहानी में भूखी बुढ़िया को चाय के साथ सूखी रोटी भी स्वादिष्ट लगती है।
प्रश्न - आज माटी वाली बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी-इस कथन के आधार पर माटी वाली के हृदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- शाम को वापिस लौटते समय माटी वाली सोचती है कि आज बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी। अपितु आज प्याज के साथ रोटियाँ देगी। इससे स्पष्ट झलकता है कि बूढ़ी अपने बूढ़े पति की देखभाल मन से करती है। उसका अपने बूढ़े पति के प्रति अपार प्रेम व श्रद्धा के भाव उसकी आत्मीयता के दर्शन कराते हैं।
2 Comments
Hi sir I am Jijar 9th
ReplyDelete👍
Delete