Sana Sana Hath Jodi Extra Questions साना साना हाथ जोड़ी Class 10 Hindi

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Sana Sana Hath Jodi Extra Questions साना साना हाथ जोड़ी Class 10 Hindi

Sana Sana Hath Jodi-NCERT MOST IMPORTANT QUESTION


प्रश्न  -  झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?


उत्तर- झिलमिलाते तारों की रोशनी में नहाया गंतोक बहुत ही सुंदर लग रहा था। उस जादू भरी सुंदरता के कारण लेखिका के लिए सब कुछ ठहरा हुआ और अर्थहीन था। उसकी चेतना को इंद्रियों से परे होने का एहसास हुआ । उसे ऐसा लगा कि मानो उसके बाहर-भीतर केवल ब्रह्म है। सम्मोहन के कारण उसके मन में भव्य उजाला छा गया था। 



प्रश्न  - गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' क्यों कहा गया?


 उत्तर- गंतोक एक पर्वतीय स्थल है। यहाँ का जीवन बड़ा कठिन है। अपने जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यहाँ के लोग मेहनत से घबराते नहीं हैं। ये लोग मन की मर्जी के मालिक हैं और कठिनाइयों के बाद भी मस्त रहते हैं। इसीलिए गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा गया है। 



प्रश्न  - कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?


उत्तर - कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है। श्वेत पताकाओं का फहराना शान्ति का प्रतीक है। जब किसी बौद्ध भिक्षु की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा की शान्ति के लिए नगर से बाहर किसी पवित्र स्थान पर एक सौ आठ पताकाएँ फहराई जाती हैं, जिन पर मन्त्र लिखा रहता है। धीरे-धीरे ये पताकाएँ अपने आप नष्ट हो जाती हैं। दूसरी ओर किसी शुभ काम के आरम्भ के अवसर पर रंगीन पताकाएँ हैं।रंगींन पताकाएं नए कार्य के आरंभ तथा खुशियों की प्रतीक होती हैं। 



प्रश्न  - जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं, लिखिए।


उत्तर- जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम के बारे में जो जानकारियाँ दीं उसके आधार पर हम कह सकते हैं कि सिक्किम भारत की सीमाओं से लगता हुआ छोटा-सा राज्य है। यह बहुत ही खूबसूरत प्रदेश है तथा गंतोक इसकी राजधानी है, जिसका अर्थ है-पहाड़। पहले यहाँ कोई भी टूरिस्ट स्पॉट नहीं था। लेकिन जब इसे भारत में मिलाया गया तो फौज  के कप्तान शेखर दत्ता के प्रयत्नों से टूरिज्म की दृष्टि से इसका विकास होने लगा। यहाँ के लोग बड़े भोले एवं मेहनती हैं और भारत में मिलकर खुश हैं। गंतोक से यूमथांग तक का 149 किलोमीटर का क्षेत्र हिमालय की गहन घाटियों और फूलों की वादियों से भरा हुआ है। सिक्किम की सीमा चीन से सटी हुई है। यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य देखने योग् है।




प्रश्न  -  लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी?


उत्तर -  लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका ने जितेन से उसके बारे में पूछा। उसने उत्तर दिया कि इसे घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं। यह सुनकर लेखिका को ध्यान आया कि पूरे भारत की आत्मा एक ही है। क्योंकि मैदानी क्षेत्रों में लोग समझते हैं कि गंगा स्नान करने से पाप धुल जाते हैं। वैज्ञानिक प्रगति होने के बाद भी पूरे भारत में लोगों की आस्थाएं, विश्वास, अंधविश्वास तथा पाप-पुण्य संबंधी अवधारणाएँ एक ही हैं।


 प्रश्न  - प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन-कौन से दृश्य झकझोर गए?


उत्तर -  लेखिका हिमालय की अनोखी सुंदरताको देखकर मन्त्र-मुग्ध हो गई थी परन्तु जब उसने सड़क बनाने के लिए पत्थर तोड़ती हुई सुन्दर पहाड़ी औरतों को देखा तो इस दृश्य ने उसे झकझोर दिया। उनके हाथों में भारी हथोड़े थे और पीठ पर बंधे हुए झोलों में उनके बच्चे थे। उनको देखकर लेखिका को उन आदिवासी स्त्रियों की याद आई जिनको उसने पलामू और गुमला के जंगलों में देखा था। उनके हाथों में ठाठें पड़े हुए थे और पाँव फूले हुए थे। यह मानो मातृत्व और जीवन की श्रम साधना का समन्वय(जोड़)था। एक स्वर्ग के सौन्दर्य के बीच भूख, मौत और दीनता के दृश्यों ने लेखिका को झकझोर कर रख दिया। एक अन्य दृश्य उन सैनिकों का था जो इस भयंकर सर्दी में देश की रक्षा के लिए जागरूक खड़े थे।



प्रश्न - 'कटाओ' पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए।

 

 उत्तर -  ‘कटाओ' सिक्किम का एक सुन्दर और अनजान-सा स्थल है। यहाँ की प्रकृति बड़ी सुन्दर और आकर्षक है। बर्फ पर चलने के लिए लेखिका को घुटनों तक लम्बे बूटों की आवश्यकता पड़ी, लेकिन वहाँ पर कोई दुकान ही नहीं थी। तब लेखिका ने अनुभव किया कि यहाँ पर किसी दुकान का न होना एक वरदान के समान है, क्योंकि यदि वहाँ पर दुकानों की लम्बी पंक्तियाँ होतीं तो कटाओ का प्राकृतिक सौन्दर्य भी नष्ट हो जाता। इससे स्थानीय जनसंख्या बढ़ जाती और सैलानियों की भीड़ लगी रहती। फलस्वरूप यहाँ भी प्रदूषण अपने पाँव पसार लेता। अतः 'कटाओ' पर किसी दुकान का न होना एक वरदान ही है।




प्रश्न - प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है? 


उत्तर-  प्रकृति ने जल संचय की बड़ी विचित्र व्यवस्था की हुई है। सर्दी में पर्वत की चोटियों पर बर्फ पड़ती है और जल का भण्डारण हो जाता है। बर्फ से ढकी चोटियां  एक प्रकार के जल भण्डार है जो गर्मियों में जल धारा का रूप धारण करके करोड़ों लोगों की प्यास बुझाते हैं और खेतों की सिंचाई करते हैं। अन्त में यह जल सागर में जाकर मिल जाता है। सागर के जल वाष्प से ही बादल बनते हैं और वे मैदानी तथा पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा तथा बर्फ के रूप में बरसते हैं। इसी जल चक्र द्वारा प्रकृति जल संचय करती है और उसको बांटती भी है।




Sana Sana Hath Jodi-MOST IMPORTANT EXTRA QUESTIONS




प्रश्न -  'साना-साना हाथ जोड़ि...' यात्रावृत्तांत के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।


                      अथवा


'साना-साना हाथ जोड़ि...' पाठ के माध्यम से लेखिका क्या दर्शाना चाहती है? 


उत्तर -  'साना-साना हाथ जोड़ि...' चूंकि एक यात्रा-वृत्तांत है। अतः इसका मूल उद्देश्य तो लेखिका द्वारा गंतोक से लेकर यूमथांग (सिक्किम) तक की 149 किलोमीटर लंबी अपनी हिमालय की यात्रा और यात्रा में अनुभव किए हिमालय की पल-पल बदलती सुंदरता का वर्णन करना ही है परन्तु इसके अतिरिक्त यात्रा में देखी वहाँ के निवासियों की मेहनत, अभाव और गरीबी को बताना भी लेखिका का उद्देश्य रहा है। हिमालय के सौंदर्य वर्णन के साथ-साथ लेखिका यह बताना भी नहीं भूली है कि हिमालय तक पहुँचने के लिए बनाए जाने वाले रास्तों के निर्माण में लोग अपनी जान गँवा चुके हैं। लेखिका ने सौंदर्य के साथ पीड़ा का अनोखा मेल किया है।


 

प्रश्न - 'कवी लोंग स्टॉक' नामक जगह के बारे में जितेन ने लेखिका को क्या जानकारी दी?


उत्तर - 'कवी लोंग स्टॉक' नामक जगह के बारे में जितेन ने लेखिका को बताया कि यहाँ 'गाइड' फिल्म की शूटिंग हुई थी। इस स्थान पर तिब्बत के चीस-खे बम्सन ने लेपचाओं के शोमेन से कुंजतेक के साथ संधि-पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। संधि के स्मारक के रूप में एक पत्थर भी वहाँ मौजूद है। 



प्रश्न -  लेखिका ने जीप में मुंडकी (गर्दन) निकाल कर क्या-क्या देखा?


उत्तर- लेखिका ने जीप से मुंडकी (गर्दन) निकाल कर कभी आसमान को छूते हिमालय पर्वत के शिखरों को देखा, कभी ऊपर से दूध की धार की तरह झर-झर गिरते जल प्रपातों को देखा तो कभी नीचे चिकने-चिकने गुलाबी पत्थरों के बीच इठला-इठला कर बहती, चाँदी की तरह कौंध मारती बनी-ठनी तिस्ता नदी को देखा।


प्रश्न -  'सेवन सिस्टर्स वॉटर फॉल' को देखकर लेखिका को क्या अहसास हुआ?

 उत्तर- 'सेवन सिस्टर्स वॉटर फॉल' को देखकर लेखिका को जीवन की शक्ति का अहसास हुआ। उसे लगा जैसे वह स्वयं देश और काल की सरहदों से दूर बहती धारा बन बहने लगी है। उसके भीतर की सारी तामसिकताएँ (बुरे गुण)और दुष्ट वासनाएँ झरने की निर्मल धारा में बह गई। उसका मन हुआ की अनंत समय तक वह ऐसे ही बहती रहे तथा इस झरने की पुकार को सुनती रहे।





प्रश्न - जितेन नार्गे ने गुरु नानक से संबंधित क्या प्रसंग सुनाया है?


 उत्तर- जितेन नार्गे ने लौटती यात्रा में एक स्थान पर लेखिका को एक पत्थर के विषय में बताया कि इस पत्थर गुरुनानक के फुट प्रिंट हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ गुरुनानक की थाली में थोड़े से चावल छिटक कर  गिर गए थे। जिस जगह चावल छिटक कर गिरे थे, वहाँ चावल की खेती होती है।




प्रश्न  -  तिस्ता नदी को देखकर लेखिका के मन में कौन-से भाव उत्पन्न हुए थे?


 उत्तर- जहाँ से लेखिका ने तिस्ता नदी को देखा था, वहाँ एक झरना आकर नदी में गिर रहा था। वह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर था। तिस्ता नदी के इस अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर लेखिका सोचने लगी कि हमारे वर्तमान पीढ़ी ने प्रकृति के सौंदर्य से खिलवाड़ करके उसे क्षति पहुँचाई है। यह एक अक्षम्य अपराध है। फिर वह नदी का पानी अपनी अंजुलि में लेकर प्रार्थना करने लगी कि उसकी तामसिक भावनाएँ समाप्त हो जाएँ तथा उसका मन निर्मल हो जाए।





 





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