Spiti Mein Barish Question Answer-Class 11 Hindi Chapter 6 स्पीति में बारिश NCERT Solutions

Spiti Mein Barish Question Answer-Class 11 Hindi Chapter 6 स्पीति में बारिश NCERT Solutions

Spiti Mein Barish Question Answer-Class 11 Hindi Chapter 6 स्पीति में बारिश NCERT Solutions
Spiti Mein Barish Question Answer-Class 11 Hindi Chapter 6 स्पीति में बारिश NCERT Solutions


Spiti Mein Barish Question Answer-Class 11 Hindi Chapter 6 स्पीति में बारिश NCERT Solutions


1. इतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलता। क्यों ?

उत्तर—स्पीति मध्य हिमालय की बारालाचा और माने पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ ऐसा स्थान है जहां पर पहुंचना बहुत मुश्किल है। स्पीति सागर तल से लगभग तेरह हजार फीट की औसत ऊँचाई पर स्थित है। इसे घेरने वाली पर्वत श्रेणियों की ऊँचाई सोलह हज़ार से लेकर इक्कीस हजार फीट तक है। स्पीति मुख्य देश से लगभग आठ-नौ महीनों तक कटा रहता है। यहां जीवन जीने के लिए जरूरी साधन भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए यहाँ की आबादी भी बहुत कम है।  इन भौगोलिक कठिनाइयों के कारण इतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलता है।



प्रश्न 2. स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं? 


उत्तर-स्पीति में जीवन जीने के लिए लोग अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करते हैं। यहां पर वसंत और शीत दो ही ऋतुएँ होती हैं। यहाँ के पहाड़ पेड़ों से रहित नंगे हैं। यहां फूल नहीं खिलते और न ही हरियाली आती है। वर्षा ऋतु इनके लिए एक नाम मात्र है। यहाँ कभी-कभी वर्षा होती है। अन्यथा यहाँ की धरती सूखी, ठंडी तथा बांझ ही रह जाती है। पहाड़ी नालों अथवा उन पर बनाए गए पुल से पानी लेकर ये लोग जौ, गेहूँ, मटर और सरसों की खेती करते हैं। यह फ़सल भी साल में एक बार होती है। स्पीति में खेती योग्य जमीन तो बहुत है परंतु सिंचाई की सुविधा न होने से उसे उपजाऊ नहीं बनाया जा रहा। यहाँ कोई फल नहीं होता है। शीत ऋतु में घरों को गर्म रखने के लिए इनके पास लकड़ी भी नहीं होती है। इस प्रकार की विपरित स्थितियों में स्पीति के लोग अपना जीवनयापन कर रहे हैं।



प्रश्न 3. लेखक माने श्रेणी का नाम बौद्धों के माने मंत्र के नाम पर करने के पक्ष में क्यों है?


 उत्तर- लेखक माने श्रेणी का नाम पौधों के माने मंत्र के नाम पर करने के पक्ष में है इसके कई कारण हैं जैसे कि लेखक की बौद्ध दर्शन में विशेष रुचि है। उसने भारतीय एवं तिब्बती आचायों के साथ बैठकर नागार्जुन के दर्शन का अध्ययन किया था इन्होंने बौद्ध दर्शन पर बहुत लिखा भी है। इसलिए अपनी हिमालय यात्रा के दौरान भी उन्होंने बौद्ध-धर्म से जुड़े स्थानों की खोज जारी रखी। मध्य हिमालय में स्थित स्पीति को घेरने वाली पर्वत श्रेणियों में दक्षिण में जो पर्वत श्रेणी इसे घेरती है उसका नाम माने श्रेणी है। लेखक को ऐसा प्रतीत होता है कि इस पर्वत श्रेणी का नाम माने पर्वत श्रेणी इसलिए रखा गया होगा क्योंकि बौद्धों का माने मंत्र इनका बीज मंत्र है। इस मंत्र का बौद्धों में बहुत महत्त्व है। इन पहाड़ियों पर बौद्धों ने इस मंत्र का इतना अधिक जाप किया होगा कि इस पर्वत श्रेणी का नाम ही माने पर्वत श्रेणी पड़ गया होगा। इसलिए लेखक माने पर्वत श्रेणी का नाम बौद्धों के माने मंत्र के आधार पर रखने के पक्ष में है।



 प्रश्न 4. 'ये माने की चोटियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं—इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से क्या आग्रह किया है? 


उत्तर- इस पंक्ति के माध्यम से लेखक यह बताना चाहता है कि स्पीति का यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही उपेक्षित रहा है। यहाँ पर्यटकों एवं पर्वतारोहियों के लिए उचित वातावरण तथा चुनौतियाँ हैं, परंतु यहाँ पर्यटक तथा पर्वतारोही नहीं आते। इसलिए लेखक को लगता है कि यहाँ की पर्वत श्रेणियाँ बूढ़े, लामाओं के जाप सुनते-सुनते उदास और बूढ़ी हो गई हैं। वह चाहता है कि देश के युवक-युवतियाँ इस क्षेत्र में आकर इन पर्वत श्रेणियों की चोटियों पर चढ़कर इन पर अपनी विजय पताकाएँ फहराएँ। युवाओं के आने से यह क्षेत्र आनंदित हो उठेगा तथा स्पीति में जो एक उदासी का वातावरण बना रहता है वह खुशी में बदल जाएगा। 



प्रश्न 5. 'वर्षा यहाँ एक घटना है, एक सुखद संयोग है-लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?


उत्तर- लेखक का मानना है कि स्पीति में केवल दो ऋतुएँ शीत और बसंत होती है। बसंत भी केवल जून से सितंबर तक होती है तथा शेष महीने शीत ऋतु के होते हैं।  'वर्षा ऋतु तो यहां के लोगों के लिए एक नाम है। कभी-कभी यहाँ वर्षा होती भी है तो भी यहाँ की धरती सूखी ठंडी और बांझ ही बनी रहत है। लेखक जब काजा के डाक बंगले में सो रहा था तो आधी रात के बाद उसकी खिड़की बजने लगी। वह खिड़की का पल्ला खोलकर देखता है तो तेज हवा के झोंके से बचने के लिए वह खिड़की का पल्ला बंद कर देता है। तभी उसे बाहर वर्षा होने की आवाज सुनाई देती है।  सुबह उसे स्पीति के लोग बताते हैं कि बहुत दिनों बाद यहाँ वर्षा हुई है। आप का यहाँ आना शुभ है, इसलिए वर्षा हुई है। स्पीति के लोगों की इस मान्यता के आधा पर लेखक ने यह कहा है कि स्पीति में वर्षा का आना एक घटना और एक सुखद संयोग है।


प्रश्न 6. स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से किस प्रकार भिन्न है ? 


उत्तर-स्पीति मध्य हिमालय की बारालाचा और माने पर्वत श्रेणियों से घिरी हुई घाटी है। इसे घेरने वाली पर्वत श्रेणियों की चोटियाँ सोलह हजार फीट से लेकर बाईस हजार फीट तक ऊँची हैं। यहाँ पहुँचना बहुत कठिन है। साल में आठ-नौ महीने इस का संपर्क देश से कटा रहता है तथा आने -जाने के सारे साधन बंद हो जाते हैं। यहाँ कुल्लू मनाली, शिमला, मसूरी, नैनीताल, श्रीनगर के समान स्केटिंग, सौंदर्य प्रतियोगिता, आइसक्रीम, छोले-भटूरे आदि का प्रबंध नहीं है।  यहाँ रहने ठहरने के लिए होटलों की व्यवस्था भी नहीं है। इस प्रकार स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से बिल्कुल भिन्न है।



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