Important Questions Class 9 Hindi-Premchand ke Phate Joote Extra Question Answer


Important Questions Class 9 Hindi-Premchand ke Phate Joote Extra Question Answer 

Important Questions Class 9 Hindi-Premchand ke Phate Joote Extra Question Answer
Important Questions Class 9 Hindi-Premchand ke Phate Joote Extra Question Answer


प्रेमचन्द के फटे जूते

हरिशंकर परसाई


Important NCERT & Extra Questions Answers


प्रश्न-हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्द चित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन कौन सी विशेषताएं उभरकर आती है?

हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्द चित्र प्रस्तुत किया है उससे उनके व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताऐं उभरकर सामने आती है -


सादगी-उनका जीवन सादगी भरा था | फोटो में पहनी उनकी पोशाक उनकी सादगी को दर्शाती है। 

स्वाभिमानी- वे स्वाभिमानी व्यक्ति थे इसलिए उन्होंने फोटो खिंचवाते वक्त किसी से जूते माँगकर पहनना उचित नहीं समझा।

बाहरी आडम्बर से दूर -प्रेमचंद अगर चाहते तो फोटो में अच्छा दिखने के लिए किसी से मांगकर जूते और पोशाक बदल सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि वे दिखाने की संस्कृति से दूर थे।


प्रश्न- नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट करें।

जिसे तुम घृणित समझते हो उसकी तरफ हाथ की नहीं, पाँव की अंगुली से इशारा करते हो ।


लेखक ने व्यंग्य के माध्यम से प्रेमचंद के फटे जूतों में से दिखती अंगुली का प्रसंग ही बदल दिया है। यहाँ लेखक कहना चाहता है कि घृणित वस्तु इतनी महत्वहीन है कि प्रेमचंद उसकी और हाथ की नहीं बल्कि पैर की अंगुली से इशारा करते हैं। पाँव की अंगुली दिखाने का अभिप्राय अपमान से है।


प्रश्न  - आपकी दृष्टि में वेशभूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है? 


उत्तर  - मेरे विचार से आजकल बाहरी दिखावे की प्रवृत्ति बढ़ी है। आजकल लोग वेश भूषा को देखकर किसी के व्यक्तित्व का अंदाजा लगाते हैं। यदि किसी व्यक्ति की वेशभूषा सही नहीं है तो उसे कोई नहीं पूछता चाहे वह कितना ही गुणवान क्यों नहीं हो।आदर पाने के लिए व्यक्ति की वेशभूषा अच्छी होना आवश्यक  हो गया है।


प्रश्न-प्रेमचंद के फटे जूते" व्यंग्य पढकर आपको लेखक की किन किन बातों ने आकर्षित किया?


प्रस्तुत व्यंग्य को पढ़ने से सबसे पहले हमें लेखक की सरल से सरल शब्दों के प्रयोग के माध्यम से रचना शैली ने आकर्षित किया। इसके साथ-साथ लेखक ने समाज की गंभीरतम समस्याओं को हंसी-मजाक के साथ पाठकों के सामने रखा , उन पर करारी चोट की और पाठकों को इन सभी गंभीर समस्याओं से बचने के लिए प्रेरित किया।



प्रश्न  - प्रेमचंद की पोशाक का वर्णन कीजिए।


उत्तर- प्रेमचंद सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता-धोती पहने हैं। वह पैरों में केनवस के जूते पहने हैं जिसके फीते बेतरतीब बँधे हैं।



 प्रश्न  - सामान्यतया लोग फोटो खिंचाने से पहले क्या-क्या करते हैं?


 उत्तर- सामान्यतया लोग फोटो खिंचाने से पहले अपनी सुन्दर पोशाक पहनते हैं। पैरों में नए जूते पहनते हैं। शरीर पर पाउडर, इत्र इत्यादि लगाते हैं। अपने बाल सँवारते हैं।



प्रश्न  - प्रेमचन्द के जूते व लेखक के जूते में क्या अन्तर है?


उत्तर- प्रेमचन्द के जूते ऊपर से फटे हैं तथा अँगुली बाहर दिखाई दे रही है, लेकिन पैर सुरक्षित हैं। लेखक के जूते नीचे से फटे हैं तथा अँगुली बाहर दिखाई नहीं दे रही। लेकिन पैर सुरक्षित नहीं है।


प्रश्न    'प्रेमचन्द के फटे जूते' पाठ का मुख्य भाव स्पष्ट कीजिए।


प्रश्न उत्तर- 'प्रेमचन्द के फटे जूते' पाठ का मुख्य भाव व्यंग्यात्मक है। लेखक ने बाहरी दिखावा तथा अवसरवादिता पर व्यंग्य करते हुए स्पष्ट किया है कि आज लोग गुणों की अपेक्षा बाहरी दिखावे को ज्यादा महत्व देते है।



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