Class 9 Hindi Chapter 4 Important Questions-सांवले सपनों की याद Extra Questions
साँवले सपनों की याद (NCERT IMPORTANT QUESTION)
(जाकिर हुसैन)
प्रश्न-1 किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हे पक्षी प्रेमी बना दिया?
एक बार बचपन में सालिम अली की एयरगन से नीले कंठ वाली गौरया घायल होकर गिर गई । घायल पक्षी की दयनीय दशा देखकर उनके मन में बड़ा दुख हुआ। इसके बाद उनके जीवन की दिशा बदल गई और वे पक्षी प्रेमी बन गए।
प्रश्न 2- लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि "मेरी छत पर बैठने वाली गौरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बाते जानती है।"
लोरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा इसलिए कहा होगा क्योंकि लॉरेंस सच्चे प्रकृति प्रेमी थे। वे भी एक अच्छे बड़े बर्ड वाचर थे। पक्षियों का कलरव उन्हें अत्यंत प्रिय था जिससे प्रभावित होकर वे कविता लिखते थे। वे अकसर अपनी छत पर बैठने वाली गौरेया को घण्टों निहारते रहते थे, ऐसा लगता था मानो ने उससे बातें करते हो।
प्रश्न 3- आशय स्पष्ट करें।
सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे।
इस कथन का आशय है कि जिस प्रकार एक टापू आकार में छोटा होता है। सागर का विस्तार अत्यधिक दाना और गहरा होता है उसी प्रकार सालिम अली का प्रकृति से प्रेम और प्रकृति के बारे मे ज्ञान सागर के समान था । वे हमेशा दूरबीन लगाए पक्षियों की खोज में प्रकृति के ही सम्पर्क में रहते थे।
प्रश्न. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
उत्तर - सालिम अली ने प्रधानमंत्री चरण सिंह को यह बताया होगा कि यदि 'साइलेंट वैली' को रेगिस्तानी हवा के झोंकों से न बचाया गया तो वहाँ का प्राकृतिक पर्यावरण नष्ट हो जाएगा। इससे वर्षा नहीं होगी, पेड़-पौधे सूख जाएँगे और हरियाली नष्ट हो जाएगी। पक्षी इस स्थान को छोड़कर कहीं और चले जाएँगे। यही नहीं पशुओं को खाने को चारा नहीं मिलेगा और यह सुंदर वैली उजड़ जाएगी। यह सुनकर प्रधानमंत्री की आँखें नम हो गई होंगी।
प्रश्न . आशय स्पष्ट कीजिए
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
उत्तर- लेखक का विचार यह है कि जिस प्रकार अंग्रेजी के उपन्यासकार तथा कवि डी.एच. लॉरेंस का प्रकृति से गहरा लगाव था और वे चाहते थे कि हमें प्रकृति की ओर वापिस लौटना चाहिए। उसी प्रकार सालिम अली भी प्रकृति से अत्यधिक प्रेम करते थे। वे प्रकृति की दुनिया में अथाह सागर बन कर उभरे थे। उन्होंने प्रकृति के अनेक नए रास्तों की खोज की थी और वे प्राकृतिक जीवन के प्रतिनिधि बन गए थे। इसलिए यह कहना उचित होगा कि सालिम अली नैसर्गिक जिंदगी के प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा!
उत्तर- लेखक यह कहना चाहता है कि जिस तरह कोई वन पक्षी अपने जीवन का अन्तिम गीत गाकर मर जाता है • तो उसे शरीर की गर्मी तथा हृदय की धड़कन देकर भी जिंदा नहीं किया जा सकता। उसी प्रकार सालिम अली सारा जीवन प्रकृति से जुड़े रहे और इस संसार से विदा हो गए। यदि उन्हें कोई दोबारा जीवित करन चाहे तो यह संभव नहीं है। सालिम अली ने भी एक पक्षी के समान प्रकृति से मानव जीवन को जोड़ का प्रयास किया और वे अपनी भूमिका निभाकर संसार से विदा हो गए।
प्रश्न - 'साँवले सपनों की याद' शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर- ‘सांवले सपनों की याद' पाठ प्रसिद्ध पक्षी- विज्ञानी सालिम अली के दुखद अंत से संबंधित है। लेखक को लगता हैकि प्रकृति-प्रेमी आज भी सोचते हैं कि वे अभी पक्षियों की खोज में निकल गए हैं तथा जल्द ही गले में दूरबीन लटकाए कुछ महत्त्वपूर्ण नतीजे लेकर लौट आएँगे। यह सोचकर लेखक की आँखें नम हो जाती हैं और वह कह उठता है-“सालिम अली, तुम लौटोगे ना," लेकिन लेखक का यह स्वप्न भंग हो जाता है। लेखक ने डायरी शैली में सालिम अली की मृत्यु से उत्पन्न दुखं तथा अवसाद को व्यक्त करने के लिए यह लेख लिखा है। लेखक को सालिम अली की याद अब धुँधले सपने जैसी लगती है। इसलिए लेखक ने इस संस्मरण का शीर्षक 'साँवले · सपनों की याद' रखा है, जो अत्यन्त सार्थक है।
Sawle Sapno ki Yaad - Extra Questions Answer
प्रश्न - लेखक ने सालिम अली की अन्तिम यात्रा का वर्णन करते हुए क्या कहा है?
उत्तर - लेखक ने सालिम अली की अन्तिम यात्रा का वर्णन करते हुए कहा है कि अपनी अन्तिम यात्रा के समय सालिम अली समूह में सबसे आगे चल रहे थे। ऐसा लगता था मानो वे अपने कंधों पर, यात्रियों की तरह अपने कभी न समाप्त होने वाले सफर का बोझ उठाए हुए हों। लेखक को लगता है कि भीड़-भाड़ की जिंदगी और तनाव के माहौल से सालिम अली का यह आखिरी पलायन है।
प्रश्न ‘‘वृंदावन कभी कृष्ण की बाँसुरी से खाली हुआ है क्या!"-वाक्य के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तर - उपरोक्त वाक्य के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि भगवान श्रीकृष्ण को वृंदावन से अतिशय प्रेम था। बेशक आज किसी को यह सही-सही मालूम नहीं है कि भगवान श्रीकृष्ण ने कब वृंदावन में अवतरित होकर अपने लीलाएँ की थीं, परन्तु आज भी कोई व्यक्ति वृंदावन जाए तो वहाँ बहने वाली यमुना नदी का पानी स्वतः ही आर वाले को श्रीकृष्ण से सम्बन्धित घटनाक्रम की याद दिला देता है। वहाँ की भीड़ को देखकर ऐसा प्रतीत होता कि इस भीड़ को चीरकर श्रीकृष्ण अभी आएँगे और अपनी बाँसुरी की धुन से सबको मोहित कर देंगे। इसी प्रकार संध्या के समय वृंदावन के बागों का माहौल देखकर ऐसा लगता है कि अभी श्रीकृष्ण की बाँसुरी का जादू चारों ओर बिखर जाएगा। इस प्रकार यह प्रतीत होता है कि वृंदावन कभी श्रीकृष्ण की बाँसुरी के जादू से खाली नहीं होगा।
प्रश्न - लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि सालिम अली जैसा 'बर्ड वाचर' शायद ही कोई हुआ हो?
उत्तर - लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है कि सालिम अली जैसा 'बर्ड वाचर' शायद ही कोई हुआ हो क्योंकि सालिम अले. ने पक्षी-विज्ञान में पक्षियों की खोज में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था। उन्हें अपने कार्य से इतन लगाव था कि वे सदा अपनी आँखों पर पक्षियों को दूर से ही देख लेने वाली दूरबीन लगाए रहते थे। उन्हें जाते वाले उनकी मृत्यु के बाद भी यही समझते थे कि वे मरे नहीं बल्कि पक्षियों की खोज में गए हुए हैं तथा कुछ ही समय बाद अपने गले में लम्बी दूरबीन लटकाए अपने खोजपूर्ण नतीजों के साथ लौट आएँगे।
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