Jamun ka Ped Class 11 Extra Questions-Class 11 Hindi Chapter 8 जामुन का पेड़
Jamun ka Ped Class 11 Extra Questions-Class 11 Hindi Chapter 8 जामुन का पेड़ |
Jamun ka Ped-NCERT MOST IMPORTANT QUESTION ANSWERS
जामुन का पेड़ (कृश्नचंद्र)
प्रश्न - कृषि विभाग वालों ने मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे क्या तर्क दिया ?
उत्तर - सरकारी व्यापार विभाग के लॉन में जामुन के पेड़ के गिरने से एक आदमी दब गया। उसे निकालने की अपेक्षा व्यापार विभाग वालों ने यह मामला कृषि विभाग में आता है कह कर कृषि विभाग पर डाल दिया। कृषि विभाग वाले अधिकारियों ने जामुन के पेड़ के नीचे से आदमी निकलवाने का मामला हॉर्टीकल्चर विभाग पर डाल दिया। हॉर्टीकल्चर विभाग में मामला देने के पीछे कृषि विभाग ने यह कारण बताया कि कृषि विभाग अनाज और खेती-बाड़ी से संबंधित मामलों में फैसला करने का अधिकार रखता है। जामुन का पेड़ एक फलदार पेड़ था इसलिए इसका मामला हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के अंतर्गत आता है। इसलिए इस समस्या का हल हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट को निकालना चाहिए।
प्रश्न - इस पाठ में सरकार के किन-किन विभागों की चर्चा की गई है और पाठ से उनके कार्य के बारे में क्या अंदाजा मिलता है ?
उत्तर – इस पाठ में जामुन के पेड़ के नीचे दबे आदमी की फ़ाइल के माध्यम से सरकार के व्यापार विभाग, कृषि विभाग, हॉर्टीकल्चर विभाग, मेडिकल विभाग, कल्चरल विभाग, फ़ॉरेस्ट विभाग और विदेश विभाग का वर्णन आया है। व्यापार विभाग व्यापार संबंधित कार्य देखता है। कृषि विभाग अनाज और खेती-बाड़ी से संबंधित फैसले करता है। हॉर्टीकल्चर विभाग फलदार या हरे-भरे पेड़-पौधों से संबंधित कार्य करता है। मेडिकल-विभाग में बीमार आदमियों का इलाज किया जाता है। कल्चरल विभाग साहित्य से संबंधी कार्य करता है। फ़ॉरेस्ट विभाग पेड़ों को काटने का कार्य करता है तथा विदेश-विभाग दूसरे देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने का कार्य करता है। सभी विभाग अपना-अपना कार्य करते हैं, किसी दूसरे विभाग के कार्य में दखल नहीं देते।
Jamun ka Ped-EXTRA IMPORTANT QUESTION ANSWERS
प्रश्न - 'जामुन का पेड़' कथा में निहित व्यंग्य स्पष्ट कीजिए
अथवा
'जामुन का पेड़' कथा का मूल उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – 'जामुन का पेड़' कृश्न चंदर द्वारा रचित एक हास्य-व्यंग्य रचना है। इसमें लेखक ने सचिवालय के प्रांगण में तेज़ आँधी के कारण गिरे एक जामुन के पेड़ के नीचे दबे हुए आदमी को निकालने के लिए की जा रही सरकारी खींचतान का वर्णन करते हुए बताया है कि किस प्रकार सरकारी कार्यालयों में ज़रा-सी बात का भी तुरंत निबटारा नहीं किया जाता अपितु उसे प्रधानमंत्री के आदेश की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। 'जामुन के पेड़' के नीचे दबे हुए आदमी को कुछ लोग जामुन के पेड़ के तने को उठाकर उस दबे हुए आदमी को निकाल कर उसकी जान बचा सकते थे परंतु लाल फीताशाही तथा सरकार की कछुआ चाल के कारण जब तक जामुन के पेड़ को काटने के आदेश मिलते हैं, दबे हुए आदमी की मृत्यु हो जाती है। लेखक ने सरकारी तंत्र पर व्यंग्य किया है जो कोई काम करने के स्थान पर उसे टालने में ही विश्वास रखता है। उसके लिए मानवीय संवेदनाएँ मूल्यहीन हैं। वे केवल कानून का अंधानुकरण ही करना जानते हैं। लेखक ऐसी व्यवस्था को बेनकाब कर इसे बदलने की प्रेरणा देता है।
प्रश्न - जामुन के पेड़ के नीचे दबे आदमी का समाचार सुनकर ऑफिस के लोग वहाँ क्या करने आए थे ?
उत्तर - जामुन का पेड़ गिरने से एक आदमी उसके नीचे दब गया है। यह सुनकर ऑफिस के सभी लोग वहाँ इकट्ठे हो गए। लोगों को आदमी के पेड़ के नीचे दबने का दुःख कम था लेकिन जामुन के पेड़ गिरने का दुःख अधिक था। जामुन के पेड़ की जामुनें रसीली और मीठी थीं। जामुन के मौसम में ऑफिस के लोग जामुनों को अपने घर भी ले जाते थे जिन्हें खाकर उनका परिवार भी खुश होता था। इसलिए वहाँ इकट्ठे लोग पेड़ के गिरने का दुःख व्यक्त करने आए थे। माली के ध्यान दिलाने पर उन्हें याद आया कि जामुन के पेड़ के नीचे आदमी दब गया है। उसे वहाँ से निकालना है।
प्रश्न - "मगर इस प्रकार तो मैं मर जाऊँगा" दबे हुए आदमी ने ऐसा क्यों कहा ?
उत्तर – तीसरे दिन हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट से जवाब आता है कि फलदार पेड़ नहीं काटा जा सकता। सरकार 'पेड़ लगाओ' पर ज़ोर देती है। इसलिए फलदार पेड़ काटने की इजाज़त नहीं दे सकते। यह सुनकर वहाँ खड़ा एक क्लर्क अपना सुझाव देता है कि यदि पेड़ काटना नामुमकिन है तो आदमी को ही बीच में से काटकर बाहर निकाल लिया जाए। आदमी को धड़ से काटकर आधा इधर से आधा पेड़ के उधर से निकाला जा सकता है। पेड़ जैसा है वैसा ही रहेगा। उसे काटने की ज़रूरत नहीं है। यह सब सुन कर दबा हुआ आदमी बोला कि ऐसा करने से तो मैं मर जाऊंगा।
प्रश्न - क्लर्कों ने जामुन के पेड़ को गिरा हुआ देख कर क्या कहा ?
उत्तर- क्लर्कों ने गिरे हुए जामुन के पेड़ को देख कर आपस में कहा कि कितना फलदार पेड़ था। इसकी जामुनें बहुत रसीली होती थीं। एक क्लर्क फलों के मौसम में झोली भरकर जामुन घर ले जाता था जहाँ उसके बच्चे इन जामुनों को खुशी से खाते थे।
प्रश्न - माली ने पेड़ के नीचे दबे आदमी को निकालने के लिए क्या कहा और इस पर सुपरिटेंडेंट की क्या प्रतिक्रिया थी ?
उत्तर - माली ने पेड़ के नीचे दबे आदमी को निकालने के सुझाव देते हुए कहा कि यदि सुपरिंटेंडेंड साहब आज्ञा दे तो वह पंद्रह-बीस माली, चपरासी, क्लर्कों के साथ मिलकर पेड़ के नीचे दबे आदमी को निकाल सकते हैं। इस पर सुपरिटेंडेंट अंडर-सेक्रेटरी से इस संबंध में आज्ञा लेने चला जाता है।
प्रश्न - जामुन के पेड़ को काटने के संबंध में हॉर्टीकल्चर विभाग का क्या कथन था ?
उत्तर- हॉर्टीकल्चर विभाग का कथन था कि इस समय जब 'पेड़ लगाओ' योजना को उच्च स्तर पर चलाया जा रहा है, किसी फलदार वृक्ष को काटने का सुझाव देने वाले अधिकारियों के सुझाव को विभाग नहीं मान सकता। इस विभाग का सुझाव अत्यंत अव्यावहारिक है। वे पेड़ नहीं काटना चाहते चाहे उसके नीचे दबा आदमी मर जाए।
प्रश्न - शायरों ने पेड़ के नीचे दबे कवि की कैसे सहायता की?
उत्तर—जैसे ही लोगों को पता चला कि जामुन के पेड़ के नीचे दबा आदमी कवि है, शहर के अनेक कवि पेड़ के नीचे दबे हुए कवि के आस-पास जमा हो गए। वहाँ सचिवालय के कुछ क्लर्क और अंडर सेक्रेटरी भी एकत्र हो गए। किसी ने भी दबे हुए कवि को निकालने की कोशिश नहीं की बल्कि सबसे अपनी-अपनी कविताएँ सुनाने लगे।
प्रश्न - प्लास्टिक सर्जन ने दबे आदमी की जाँच की क्या रिपोर्ट दी ?
उत्तर – प्लास्टिक सर्जन ने दबे हुए आदमी को अच्छी प्रकार से टटोल कर उसके स्वास्थ्य की जाँच की। उसके खून का दबाव, नाड़ी की गति तथा दिल और फेफड़े देखें। उसने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इस आदमी का प्लास्टिक आप्रेशन तो हो सकता है, आप्रेशन सफल भी होगा परंतु यह मर जाएगा।
प्रश्न - 'आज तुम्हारी फ़ाइल पूर्ण हो गई' से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – इस कथन से लेखक यह स्पष्ट करना चाहता है कि किस प्रकार सरकारी लाल फीताशाही में काम होता है। - पेड़ के नीचे दबे आदमी को पेड़ के नीचे से निकालने के लिए फ़ाइल के चक्कर इतने दिन लग गए कि अंत में दबा हुआ आदमी भी मर जाएगा- उसके जीवन की फ़ाइल भी पूर्ण हो गई। सरकारी तंत्र की संवेदनहीनता, लापरवाही, धीमी चाल आदि पर व्यंग्य है।
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