Class 12 Hindi Important Questions-Patang Extra Questions
Patang-NCERT MOST IMPORTANT QUESTION
पतंग (आलोक धन्वा)
प्रश्न -'सबसे तेज बौछारें गयीं, भादों गया' के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर – यह कविता प्राकृतिक सौंदर्य से ओत-प्रोत है। सबसे तेज़ बौछारें तथा भादों के जाने के बाद सवेरा हुआ जो अत्यंत लालिमा और सुंदरता से भरा था। वह सवेरा खरगोश की आँखों के समान लाल रंग का था। शरद ऋतु अर्थात् उजाला अनेक बौछारों और झाड़ियों को चीरता हुआ आया है। कवि ने शरद ऋतु का मानवीकरण करते हुए कहा है कि शरद अपनी चमकीली साइकिल पर सवार होकर घंटी बजाता हुआ आया। उसने चमकीले संकेतों के द्वारा पतंग उड़ाने वाले बच्चों के समूह को अपने पास बुलाया। अपने चमकीले संकेतों और सुंदरता से उसने आकाश को इतना मुलायम और सुंदर बना दिया जिसमें पतंग उड़ सके। साथ ही संसार का पहला पतला कागज़, बाँस की कमानी और रंग-बिरंगी वस्तु उड़ सके। जब बच्चे के रंग-बिरंगे पतंग आकाश में उड़ने लगे तो चारों ओर सीटियों और किलकारियों की आवाज़ गूंज उठी तथा तितलियों ने मधुर गुंजार शुरू कर दिया।
प्रश्न - जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास-कपास के बारे में सोचें कि कपास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता है?
उत्तर – कपास की प्रकृति जैसे निर्मल सुकोमलऔर चंचल होती है। उसी प्रकार से बच्चे भी अत्यंत निर्मल, सुकोमल, निश्छल और चंचल प्रकृति के होते हैं। बच्चों में भी कपास की भांति कोमलता झलकती है। कपास की तरह बच्चों के साफ-स्वच्छ मन में भी कोई मैल नहीं होती। उनमें इसी तरह का खुलापन होता है।
प्रश्न - पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं - बच्चों का उड़ान से कैसा संबंध बनता है ?
उत्तर- पतंग बच्चों की कोमल भावनाओं का प्रतीक है। इसलिए पतंग के साथ बच्चों का अटूट संबंध है। असीम आकाश में उड़ता हुआ पतंग जैसे-जैसे हिलोरें लेता है वैसे-वैसे बच्चों का मन भी हिलोरें लेता हुआ प्रतीत होता है। बच्चे पतंग के साथ तन-मन से जुड़ जाते हैं। वे पतंगों को उड़ाते हुए उनमें इतना डूब जाते हैं कि अपने-आपको ही भूल जाते हैं। इस प्रकार बच्चों का उड़ान से गहन संबंध है।
Patang-EXTRA QUESTIONS
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न - आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर आपके मन में कैसे ख्याल आते हैं ? लिखिए।
उत्तर – आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर हमारा मन भी रंग-बिरंगा हो जाता है। हमारा मन इन्हीं पतंगों की तरह हिलोरे लेने लगता है। उसकी भी चाहत होती है कि वह भी इन पतंगों की तरह खुले आसमान में उड़ान लगाए। वह भी चाहता है कि मैं दिशाओं की सैर करूं तथा असीम आकाश को छूं लूँ।
प्रश्न - 'रोमांचित शरीर का संगीत' का जीवन की लय से क्या संबंध है?
उत्तर – रोमांचित शरीर का संगीत और जीवन की लय का अनूठा संबंध है। जब मनुष्य का शरीर किसी कार्य में पूरी तरह से लग जाता है तो उस कार्य की पूर्ति करते हुए शरीर में एक अनोखा रोमांच और संगीत पैदा होता है। ऐसा ही जीवन में भी होता है। जीवन में भी जब पूर्ण रूप से समर्पित होकर कोई कार्य किया जाता है तो उसमें भी एक अनूठी लय पैदा होती है। इस प्रकार जीवन की लय का रोमांचित शरीर के संगीत से अनोखासंबंध है।
प्रश्न - महज़ एक धागे के सहारे पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ, उन्हें (बच्चों को) कैसे थाम लेती हैं ? चर्चा करें।
उत्तर - पतंग बच्चों की सुकोमल भावनाओं की प्रतीक है। उड़ती पतंगों के साथ बच्चे इतने खो जाते हैं कि वे अपने-आप को ही भूल जाते हैं। पतंग के हिलोरों के साथ बच्चों का मन भी हिलोरे लेता है। इसलिए पतंग आकाश में जितनी ऊँचाई को छूता है बाल मन भी उतनी ही ऊँचाई को छूना चाहता है। उड़ती पतंग ही बच्चे के मन में साहस और निडरता प्रदान करती है तथा उन्हें पग-पग पर जोश प्रदान करती है। यही कारण कि महज़ एक धागे के सहारे पतंगों की धड़कती ऊँचाइयां बच्चों को थाम लेती है।
प्रश्न -पतंग कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर–‘पतंग' आलोक धन्वा द्वारा रचित कविता है, जिसमें कवि ने बाल सुलभ इच्छाओं एवं उमंगों का सुंदर एवं सजीव चित्रण किया है। उन्होंने बाल क्रियाकलापों एवं प्रकृति में आए परिवर्तनों को सहज भाव से प्रकट किया है। पतंग बच्चों की उमंगों का रंग-बिरंगा सपना है जो आसमान में उड़ता है जिसे बालमन छूना चाहता है। बच्चे मस्ती एवं उमंग में झूमकर आसमान को पार कर जाना चाहते हैं। एक ओर शरद ऋतु का चमकीला संकेत है जहाँ तितलियों की रंगीन दुनिया है बच्चों की किलकारियों से दिशाएं भी बाजे के समान बज उठती हैं। पृथ्वी भी उनकी कोमलता को स्वयं छूना चाहती है।
प्रश्न - बच्चे पतंग उड़ाने के लिए किस प्रकार झूमने लगते हैं ?
उत्तर - बच्चे एक झुंड में पतंग उड़ाते हैं। वे सभी मिलकर सीटियां बजाते हैं। किलकारियां मारते हैं। वे बेसुध होकर छतों पर दौड़ते हैं। उनकी आवाज़ से दिशाएँ भी मृदंग के समान बजती हुई प्रतीत होती हैं। वे शाखाओं के लचकदार वेग की तरह किनारे तक आ जाते वे खुशी में भर कर वास्तव में ही झूलने लगते हैं।
प्रश्न - बच्चे यदि छतों के खतरनाक किनारों से बच जाते हैं तो क्या होता है ?
उत्तर- बच्चे यदि छतों के खतरनाक किनारों से बच जाते हैं तो वे और भी अधिक निडर एवं बेखौफ़ बन जाते हैं। उनमें नई उमंग एवं साहस का भाव भर जाता है। वे अधिक निडरता के साथ सुनहरे सूर्य के सामने आकर खड़े हो जाते हैं और पतंग को पहले की अपेक्षा अधिक मस्ती एवं आनंद के साथ उड़ाते हैं।
प्रश्न - आकाश को मुलायम कौन बनाता है और क्यों ?
उत्तर – आकाश को मुलायम शरद ऋतु बनाता है। वह इसे इसलिए मुलायम बनाता है ताकि बच्चे पतंग उड़ा सकें। दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन चीज़ उड़ सके। दुनिया का सबसे पतला कागज़ तथा बांस की पतली कमानी उड़ जाए। बच्चे उमंग एवं मस्ती में झूमकर सीटियां तथा किलकारियां बजाने लगे।
प्रश्न - शरद ऋतु का आगमन कैसे होता है ?
उत्तर – शरद ऋतु पुलों को पार करते हुए आता है। वह अपनी नई चमकीली साइकिल तेज़ चलाते तथा घंटी ज़ोर ज़ोर से बजाते हुए आता है तथा अपने चमकीले इशारों से पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को बुलाता है।
प्रश्न -'पतंग' को कवि ने बच्चों के लिए क्या और क्यों माना है?
उत्तर – कवि ने 'पतंग' को बच्चों की उमगों का रंग-बिरंगा सपना माना है। इसमें वह खो जाना चाहता है। आकाश - में उड़ती हुई पतंग उँचाइयों की वे हदें हैं जिन्हें बालक मन छूना चाहता है और उसके पार जाना चाहता है।
प्रश्न - कवि ने प्रकृति को बदला हुआ क्यों कहा है ?
उत्तर – कवि का कथन है कि प्रकृति का अनोखा सौंदर्य बदल गया है। तन-मन को भिगो देने वाली तेज़ - बौछारें समाप्त हो गई हैं तथा भादों मास का अंधकार भी समाप्त हो गया है।
प्रश्न - कवि ने 'शरद ऋतु' का मानवीकरण किस प्रकार किया है ?
उत्तर – कवि शरद का मानवीकरण करते हुए कहता है कि शरद अपनी नई चमकदार साइकिल को तेज़ गति से - चलाते हुए तथा ज़ोर-ज़ोर से घंटी बजाकर पतंग उड़ाने वाले बच्चों के समूह को सुंदर संकेतों के माध्यम से बुला रहा है।
प्रश्न - जब बच्चे बेसुध होकर मकानों की छत पर घूमते हैं तो क्या होता है ?
उत्तर—जब बच्चे मकानों की छतों पर बेसुध होकर दौड़ते हैं तो छतों को नरम बना देते हैं। जब ये बच्चे झूला झूल कर आते हैं तो दिशाओं के नगाड़े बजने लगते हैं।
प्रश्न - कविता के अनुसार बच्चों में साहस और निडरता कब उत्पन्न होती है ?
उत्तर – बच्चे अपनी पतंगों को उड़ाते हुए जब कभी छतों के खतरनाक किनारों से गिर जाते हैं, उसके बाद यदि वे बच जाते हैं तो उनमें साहस और निडरता और अधिक मात्रा में पैदा हो जाती है। इन खतरनाक किनारों से बचने के बाद वे और भी निडरता के साथ सुनहरे सूर्य के सामने आते हैं।
प्रश्न - 'बच्चे पतंग के साथ उड़ रहे हैं' पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - इस पंक्ति का भाव यह है कि आकाश में पतंग उड़ाते हुए बच्चे बतंग के साथ आत्मिक रूप से जुड़ जाते हैं। उनका तन, मन और आत्मा पतंग के साथ-साथ हिलौरे लेने लगती हैं। इस प्रकार बच्चे पतंगों के साथ हिल रहे होते हैं।
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