Ve Aankhen Class 11 Extra Questions-Class 11 Hindi Important Questions वे आंखें

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Ve Aankhen Class 11 Extra Questions-Class 11 Hindi Important Questions वे आंखें
Ve Aankhen Class 11 Extra Questions-Class 11 Hindi Important Questions वे आंखें

Ve Aankhen Class 11 Hindi-NCERT IMPORTANT QUESTION ANSWERS


वेे आंखें (सुमित्रानंदन पंत)


1.प्रश्न-         अंधकार की गुहा सरीखी। 

                उन आँखों से डरता है मन ।


(क) आमतौर पर हमें डर किन बातों से लगता है ?

 (ख) उन आँखों से किसकी ओर संकेत किया गया है ? 

(ग) कवि को उन आँखों से डर क्यों लगता है ?

(घ) डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीड़ा का वर्णन क्यों किया है ?

 (ङ) यदि कवि इन आँखों से नहीं डरता क्या तब भी वह कविता लिखता ?



 उत्तर- (क) आमतौर पर हमें अंधकार से भरी गुफ़ाओं एवं उन भावों से डर लगता है जिनका सामना करने की ताकत हम में नहीं होती।


(ख) उन आँखों से शोषण से पीड़ित किसान की ओर संकेत किया गया है। 


(ग) उन आँखों में करुणा, पीड़ा, दीनता के भाव भरे हुए हैं। कवि में उनका सामना करने की ताकत नहीं है इसलिए कवि को उन आँखों से डर लगता है।


(घ) कवि किसान की लाचार अवस्था तथा समाज के लोगों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार को सबके सामने लाना चाहता है इसलिए डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीड़ा का वर्णन किया है।


(ङ) किसान की आँखों से झलकते करुणा एवं पीड़ा के भाव कवि के कोमल हृदय को आहत करते हैं। कवि उनकी उपेक्षा नहीं कर पाता। वह कविता के माध्यम से उन्हें अवश्य प्रकट करता है।


प्रश्न -  कविता में किसान की पीड़ा के लिए किन्हें जिम्मेदार बताया गया है ? 


उत्तर - कविता में किसान की पीड़ा के लिए ज़मींदार एवं महाजन को जिम्मेदार ठहराया गया है। किसान पर

अत्याचार करते हुए ज़मींदार ने उसे उसके खेतों से बेदखल कर दिया। अपने कारिंदों के द्वारा किसान के बेटे को लाठियों से मरवा डाला। महाजन ने भी ब्याज की कौड़ी-कौड़ी प्राप्त करने के लिए किसान के बैलों की जोड़ी तथा गाय को नीलाम कर दिया। कवि ने माना है कि किसान की पीड़ा के लिए समाज में रहने वाले लोग भी ज़िम्मेदार हैं। थानेदार ने न्याय करने की जगह उसकी पुत्रवधू पर ही बुरी नजर डाली। समाज को अन्न प्रदान करने वाले किसान  से सारा संसार किनारे की भांति अलग हो कर तमाशा देखता रहा और किसान अकेला ही पीड़ा को झेलता हुआ भीतर हो भीतर घुटता रहा।



प्रश्न - “पिछले सुख की स्मृती आँखों में क्षण भर एक चमक है लाती" -इस में किसान के किन पिछले सुखों की ओर संकेत किया गया है ?


उत्तर – किसान सुख से जीवन व्यतीत कर रहा था। उसके पास अपने खेत थे जिनमें वह अपना खून पसीना एक करके अनाज पैदा करता था। लहलहाती हरी-भरी फसलों को देख वह फूला न समाता था। घर में बैलों की जोड़ी थी। दूध देने वाली गाय थी जिससे किसान इतना प्रेम करता था कि वह केवल किसान को ही अपना दूध दुहने देती थी। किसान का भरा-पूरा परिवार था। एक जवान बेटा और बहू थे। किसान की देखभाल करने वाली उसकी पत्नी थी। वह सुख  से अपने परिवार के साथ जीवन बीता रहा था। परंतु सब कुछ शोषक वर्ग की भेंट चढ़ गया। इसी की यादें किसान की आँखों में क्षण भर के लिए चमक ले आती थीं।


प्रश्न 4. संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें।


(क) उजरी उसके सिवा किसे कब

        पास दुहाने आने देती ?


 (ख) घर में विधवा रही पतोहू

     लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,


(ग) पिछले सुख की स्मृति आँखों में क्षण भर एक चमक है लाती, 

तुरंत शून्य में गड़ वह चितवन तीखी नोक सदृश बन जाती।


उत्तर - (क) किसान के पास उजरी नामक उसकी सफ़ेद गाय थी जिससे वह बहुत प्रेम करता था। महाजन ने व्याज

की कौड़ी-कौड़ी वसूलने के लिए किसान की बैलों की जोड़ी तथा गाय को नीलाम कर दिया था। किसान को अपने प्यारी गाय की याद आ रही है कि वह गाय उससे इतना प्रेम करती थीं कि दूध दुहने के लिए वह किसान के अलावा किसी को अपने पास नहीं आने देती थी। आज सब कुछ शोषक महाजन उससे छीन कर ले गया है।


(ख)  ज़मींदार के कारिंदों ने किसान के जवान बेटे को लाठियों से पीट-पीट कर मार डाला था। यह शोषक जमींदार के अत्याचारों की चरम सीमा थी। अब किसान के घर में उसकी विधवा पुत्रवधू रह गई थी। जो कहने को तो नाम से लक्ष्मी थी परंतु वैसे पति को खाने वाली थी। कवि ने इन पंक्तियों में समाज में विधवाओं के प्रति अपनाये जाने वाले दृष्टिकोण को व्यक्त किया है। कोई कसूर न होते हुए भी किसान की पुत्रवधू को पति घातिन होने का कलंक सहन पड़ रहा था।


(ग)  किसान की आँखों में दीनता, करुणा और पीड़ा के भाव थे। उसका सब कुछ शोषक वर्ग से संबंधित जमींदार और महाजन की भेंट चढ़ गया था। किसान को अपने भरे पूरे परिवार में अपनी पत्नी, बेटे, बहू, बैलों की जोड़ी, गाय, हरे-भरे खेतों की याद आती है जिसमें वह सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता था। पिछले भोगे गए सुख की यह याद किसान की आँखों में क्षण भर के लिए चमक ले आती है। परंतु फिर वास्तविकता का आभास होते ही यह चमक समाप्त हो जाती है और तीखी नोक की भांति किसान के सीने में चुभ कर उसके हृदय को छलनी कर देती हैं। किसान फिर से पीड़ा से आहत हो उठता है और उसकी आँखों में दैन्यता और करुणा के भाव उमड़ने लगते हैं।



Ve Aankhen Class 11 Hindi-EXTRA QUESTIONS ANSWERS


प्रश्न - किसान के अतिरिक्त उसके परिवार के सदस्य किस प्रकार शोषक वर्ग के शिकार बने ? 


उत्तर- किसान के अतिरिक्त उसके परिवार के अन्य सदस्यों को भी शोषक वर्ग के अत्याचारों का शिकार होना पड़ा। जमींदार और महाजन ने किसान के खेतों और उसके घर को छीन ही लिया था। साथ ही साथ उसकी बैलों की जोड़ी तथा गाय को भी नीलाम कर दिया था। किसान के बेटे को ज़मींदार के कारिंदों ने लाठियों से पीट-पीट कर मार डाला था तो किसान की पत्नी बिना दवा दारु के चल बसी थी। उसकी दुधमुँही बच्ची ने भी माँ के बिना दो ही दिन में प्राण त्याग दिए थे। किसान की विधवा पुत्रवधू कोतवाल की बुरी नजर का शिकार होकर कुएँ में डूब कर मर गई।

किसान का पूरा परिवार शोषक वर्ग की भेंट चढ़ गया।




 प्रश्न - खैर, पैर की जूती, जोरु


         न सही एक दूसरी आती

        पर जवान लड़के की सुध कर 

        साँप लौटते फटती छाती


यहाँ महिलाओं के प्रति किस प्रकार के दृष्टिकोण को व्यक्त किया गया है ? 


उत्तर-कवि ने यहाँ महिलाओं के प्रति अपनाए जाने वाले उपेक्षापूर्ण दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है। पुरुष वर्ग का महत्त्व अधिक माना जाता है। महिलाओं का महत्त्व तो पैरों की जूती के समान है जिसे कभी भी बदला जा सकता है। किसान के माध्यम से कवि अभिव्यक्त करता है कि किसान को अपनी पत्नी की मौत का उतना दु:ख नहीं है जितना अपने पुत्र की मृत्यु का। पुत्र की मौत का स्मरण होते ही किसान की छाती पर साँप लोटने लगते और दुःख से उसकी छाती फटने लगती।




प्रश्न - भाव एवं शिल्प सौंदर्य स्पष्ट करें। 

         

         बिका दिया घर द्वार,


         महाजन ने न ब्याज की कौड़ी छोड़ी,

         रह-रह आँखों में चुभती वह,

         कुर्क हुई बरधो की जोड़ी । 


उत्तर - भाव सौंदर्य – कवि ने यहाँ शोषक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले महाजन के अत्याचारों का वर्णन किया है। महाजन ने अपने पैसे वसूलने के लिए किसान के घर को बिकवा दिया। ब्याज की कौड़ी-कौड़ी वसूलने के लिए शोषक ज़मींदार उसने किसान के बैलों की जोड़ी को भी नीलाम करवा दिया। किसान का घर और बैल महाजन की भेंट चढ़ गए। आज भी जब वह अपने बैलों की जोड़ी और घर के विषय में सोचता है तो उनकी स्मृतियाँ किसान की आँखों में चुभने लगती हैं। 



शिल्प सौंदर्य –


 (1) अनुप्रास एवं पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग है।


 (2) करुण रस की अभिव्यक्ति है।


 (3) प्रसाद गुण विद्यमान है।


 (4) दृश्य बिंब है। ऐसा लगता है मानो संपूर्ण दृश्य पाठक की आँखों के समक्ष ही घटित हो रहा हो।


(5) छंदबद्धता का प्रयोग किया गया है।


(6) खड़ी बोली भाषा भावाभिव्यक्ति में सक्षम है।


प्रश्न - 'वे आँखें' कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए। 


उत्तर- 'वे आँखें' कविता में कवि ने आजादी से पहले के भारतीय किसान की दयनीय दशा का मार्मिक चित्रण किया है। वह जी तोड़ परिश्रम करता है परंतु महाजन उसका निरंतर शोषण करता रहता है। वह सारा जीवन महाजन से लिए गए ऋण को चुकाता रहता है। उसकी आँखों में सदा भय, निराशा, आतंक, दीनता का भाव बना रहता है। उसके परिवार पर अत्याचार किए जाते हैं। उसकी गृहस्थी उजड़ जाती है। उसे उसके ही खेतों से बेदखल कर दिया जाता है। उसकी बहू-बेटियाँ बुरी नजर का शिकार होकर आत्महत्या कर लेती हैं। इस प्रकार वह हर प्रकार से शोषण का शिकार हो जाता है और उसका जीवन उसके लिए भार स्वरूप बन जाता है।



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