Ek Kahani Yeh Bhi Extra Question Answers एक कहानी यह भी extra question answer

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विदाई संभाषण प्रश्न उत्तर - Vidai Sambhashan Class 11 Question Answer Class 11 Hindi NCERT Solutions
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Ek Kahani Yeh Bhi Extra Question Answers एक कहानी यह भी extra question answer

  1. 'एक कहानी यह भी' पाठ की विधा बताते हुए इसके कथ्य पर प्रकाश डालिए।


उत्तर- 'एक कहानी यह भी' पाठ  मन्नू भंडारी का चुनिंदा प्रसंगों में बँटा आत्मकथ्य है। इस पाठ में उन्होंने अपने किशोर जीवन से जुड़ी घटनाओं के साथ अपने पिताजी और अपनी कॉलेज प्राध्यापिका शीला अग्रवाल जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला है। इन दोनों ने उनके लेखकीय व्यक्तित्व के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साथ ही पाठ में लेखिका ने अपने एक साधारण लड़की से असाधारण लड़की बनने के सफर को प्रकट किया है। उन्होंने प्रकट किया है कि किस प्रकार उन्होंने 46-47 की आजादी की लड़ाई में पूरे उत्साह, ओज, संगठन क्षमता और विद्रोह की प्रबल भावना के साथ हिस्सा लिया।


ग्राम 2. इंदौर में लेखिका के पिताजी की अत्यधिक मान-प्रतिष्ठा का क्या कारण था? 


उत्तर- इंदौर में लेखिका के पिताजी कांग्रेस के साथ-साथ समाज सुधार के कामों से भी जुड़े हुए थे। वे वहाँ शिक्षा के केवल उपदेश ही नहीं देते थे, बल्कि उन दिनों आठ-आठ दस-दस विद्यार्थियों को अपने घर रखकर पढ़ाते भी थे। इन्हीं कारणों से इंदौर में लेखिका के पिताजी की अत्यधिक मान प्रतिष्ठा थी। 


प्रश्न 3. लेखिका के पिताजी की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाने का क्या परिणाम हुआ?


उत्तर- आर्थिक स्थिति बिगड़ जाने के कारण लेखिका के पिताजी को इंदौर छोड़कर अजमेर आना पड़ा। बिगड़ती आर्थिक स्थिति ने उनके व्यक्तित्व को सकारात्मक पहलुओं को निचोड़ना आरंभ कर दिया। उनका अहंकार दिन-प्रतिदिन बढ़ने लगा। उनकी नवाबी आदतें ,अधूरी महत्त्वाकांक्षाएँ एवं हमेशा शीर्ष पर रहने के बाद हाशिए पर सरकते चले आने की यातना क्रोध बनकर लेखिका की माँ को कँपाने थरथराने लगी


 प्रश्न 4. लेखिका ने अपनी पितृ-गाथा क्यों कही है?


उत्तर- लेखिका ने अपनी पितृ-गाथा इसलिए नहीं कही कि उसे उनका गौरव गान करना है, बल्कि इसलिए कही है क्योंकि वह यह देखना चाहती है कि उसके पिताजी की कौन-सी खूबी और कमी उसके व्यक्तित्व में समा गई है। वह देखना चाहती है कि अनजाने-अनचाहे किए उनके व्यवहार ने उसके भीतर किन ग्रंथियों को जन्म दिया है।



प्रश्न 5. अपने पिता के किस व्यवहार से लेखिका अब तक उबर नहीं पाई है?


उत्तर- बचपन में लेखिका अपेक्षाकृत काली, दुबली व कमजोर थी जबकि उससे दो साल बड़ी बहन सुशीला खूब गोरी, स्वस्थ और हँसमुख थी। उसके पिता अक्सर हर बात में उसकी तुलना बड़ी बहन से करके बड़ी बहन की प्रशंसा

किया करते थे। उनके इस व्यवहार से लेखिका में हीन भावना की जो गांठ उत्पन्न हुई, उससे वह आज तक उबर

नहीं पाई है।


 


प्रान 6. लेखिका ने बचपन में अपने भाई-बहनों के साथ कौन-कौन से खेल खेले हैं? 



उत्तर- लेखिका अपने पाँच भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। उसने अपने से उम्र में दो साल बड़ी बहन सुशीला के साथ बचपन के अनेक खेल; जैसे-सतोलिया, लंगड़ी टाँग, पकड़म-पकड़ाई. काली टोलो आदि खेल खेलें। उसने अपने भाइयों के साथ गिल्ली डंडा खेला, पतंग उड़ाई, काँच पीसकर मांजा सूता। वह अपनी सबसे बड़ी बहन के साथ अधिक नहीं खेल पाई क्योंकि उसकी शादी के समय वह मात्र सात साल की ही थी।



प्रश्न 7. शीला अग्रवाल कौन थी? उनके कारण लेखिका के जीवन में क्या परिवर्तन आया? 



उत्तर- सर्वप्रथम तो उन्होंने  लेखिका का परिचय साहित्य संसार से करवाया और उनके भावी लेखिका बनने की और बढ़ाया। इसके बाद उन्होंने लेखिका को तत्कालीन राजनैतिक गतिविधियों से जोड़ा और अपनी जोशीली बातों से लेखिका की रगों में बहते लहू को लावे में बदल दिया। उन्होंने लेखिका विद्रोह को भावना को जन्म दिया। इस कारण लेखिका गली-चौराहों पर न केवल अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने लगी, अपितु अपने अंतर्विरोधी चरित्र के स्वामी पिताजी से भी टक्कर लेने लगी।


प्रश्न 8. एक कहानी यह भी पाठ की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।



उत्तर- 'एक कहानी यह भी' पाठ की भाषा सरल, सहज व गतिशील आम बोलचाल की खड़ी बोली है। भाषा में तद्भव, उर्दू व अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग हुआ है। प्रसाद गुण भाषा में सर्वत्र व्याप्त है। वाक्य विन्यास सरल व रोचक है, हालांकि लेखिका ने कुछ लंबे वाक्यों का भी प्रयोग किया है। बीच-बीच में मुहावरों का प्रयोग भाषा में लाक्षणिकता उत्पन्न करने में सफल रहा है। पाठ आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया है। इस दृश्य बिंब का अधिक प्रयोग हुआ है।


प्रश्न 9. मन्नू भंडारी ने बीसवी शती की चिर प्रतीक्षित खुशी किसे कहा है?



उत्तर- मन्नू भंडारी ने बीसवीं शती की चिर-प्रतीक्षित खुशी 15 अगस्त, 1947 के दिन को कहा है। इस दिन भारत गुलामी से मुक्त होकर एक स्वतंत्र देश बना। तमाम भारतवासियों की स्वतंत्रता प्राप्ति का सपना साकार हुआ।



 प्रश्न 10. मन्नू भंडारी की भाषण कला पर प्रकाश डालिए।



 उत्तर- मन्नू भंडारी कॉलेज के दिनों में अपने कॉलेज की लड़कियों के समक्ष ही नहीं अपितु राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेते हुए अजमेर के चौपड़ बाजार में भी भाषण दिया करती थीं। उनके भाषणों में लोगों की भीड़ इकट्ठा कर लेने की अद्भुत क्षमता थी। लेखिका के पिता के एक मित्र अंबालाल तो लेखिका के भाषण से इतना प्रभावित हुए थे कि लेखिका का भाषण सुनते ही सीधे उसके पिता को बधाई देने चले आए थे।

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