रीढ़ की हड्डी- Important Questions Rid ki Haddi class 9 Extra Questions

 रीढ़ की हड्डी- Important Questions Rid ki Haddi class 9 Extra Questions

रीढ़ की हड्डी- Important Questions Rid ki Haddi class 9 Extra Questions
रीढ़ की हड्डी- Important Questions Rid ki Haddi class 9 Extra Questions



रीढ़ की हड्डी 

(जगदीश चंद्र माथुर )

NCERT IMPORTANT QUESTION

प्रश्न- रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात-बात पर "एक हमारा जमाना था" कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना वहाँ तक तर्कसंगत है?

मानव का यह स्वभाव रहा है कि वह हमेशा अपने अतीत को याद करता रहता है। अतीत के दुख भी याद बनने के बाद मीठे लगते हैं, यही कारण है कि रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद भी ऐसा ही करते हैं। लेकिन समय हमेशा बदलता रहता है, कुछ बातें अतीत में अवश्य ही अच्छी थी। उनसे चिपके रहकर वर्तमान की बुराई करना बिल्कुल भी उचित नहीं है। हमें अतीत को भुलाकर वर्तमान समय के साथ अपने आपको ढाल लेना चाहिए।


प्रश्न-2 रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है ?

रामस्वरूप स्त्री शिक्षा का पक्षधर है इसलिए अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाता है। लेकिन उस समय के अनुसार लड़कियों को ज्यादा पढ़ाना अच्छा नहीं माना जाता था। गोपाल प्रसाद और उसका बेटा भी अपने लिए अधिक पढ़ी लिखी बहू नहीं चाहते थे। शकर स्वयं डाक्टरी की पढ़ाई कर रहा था इसलिए रामस्वरूप चाहता था कि यह रिश्ता हो जाए क्योकि लड़का भी पढा-लिखा है और खानदान भी अच्छा है। रामस्वरूप अपनी बेटी को मात्र मैट्रिक पास ही बताते हैं। इस प्रकार रामस्वस्थ का अपनी बेटी की पढाई को छिपाना एक पिता होने की मजबूरी को प्रकट करता है।


प्रश्न 3 - शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की- समाज को कैसे व्यक्तित्व की जरूरत है। तर्क सहित उत्तर दिजिए।

शंकर एक दुबला-पतला झुकी कमर वाला खीसें निपोरने वाला और दब्बू किस्म का लड़का है। उसका चरित्र भी ठीक नहीं है। वह अपनी बात स्पष्टता से नहीं रख सकता। इसके विपरित उमा शिक्षित, प्रतिभावान और चरित्र वाली लड़की है। वह स्पष्टवादी लड़की है। उसे झूठ बोलना पंसद नहीं है। वह शंकर की पोल खोल कर, दोनों बाप-बेटों को लताड़ लगाती है। अत: हमे अपने समाज की प्रगति के लिए उमा जैसे व्यक्तित्व की जरूरत है


प्रश्न 4 - "रीढ़ की हड्डी" शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी करें।

या

"रीढ़ की हड्डी" शीर्षक कहाँ तक उपयुक्त है?

रीढ़ की हड्डी शीर्षक एक प्रतिकात्मक शीर्षक है। जिस प्रकार हमारे शरीर की संरचना में रीढ़ का स्थान महत्वपूर्ण होता है उसके बिना हमारा शरीर झुक जाएगा और कोई भी कार्य करने में समर्थ नहीं होगा। शंकर ऐसा ही लड़का है जिसकी बैकबोन नहीं है अर्थात् उसका चरित्र सही नहीं है। इसके विपरित विपरीत उमा के व्यक्तित्व में वे सभी गुण दिखाई देते है जो समाज की प्रगति में सहायक है। यही गुण हमारे समाज को रीढ़ प्रदान करते हैं। रीढ़ की हडडी उन गुणों का प्रतीक है जो हमारे वर्तमान समाज के लिए आवश्यक है। अत: रीढ़ की हडडी" शीर्षक अत्यंत सार्थक प्रतीत होता है।


                          


प्रश्न  - अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है?


उत्तर  - अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से यह अपेक्षा कर रहा था कि वह अपने होने वाले ससुर तथा पति की बातों का चाहे वो उचित हों या अनुचित सही प्रकार से जवाब दे। वह चाह रहा था कि उमा उनके सामने अपने को वैसे ही प्रस्तुत करे जैसा वे चाहते हैं। परन्तु रामस्वरूप का उमा से इस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा करना इसलिए उचित नहीं है क्योंकि समाज में चाहे लड़का हो या लड़की सभी का बराबर स्थान है। विवाह के सन्दर्भ में अथवा अपने व्यक्तिगत जीवन  में लड़की को भी उतने ही अधिकार हैं, जितने लड़के को। लड़की का हृदय भी लड़के की भांति अभिलाषाएँ करता है, उमंगें रखता है। लड़की होने का अभिप्राय यह नहीं है कि उसकी अभिलाषाओं, उमंगों, उसके व्यक्तित्व यहाँ तक कि आत्मा को भी कुचल दिया जाए।


प्रश्न  - आपके लाडले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं....' उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है?


उत्तर  - उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की शारीरिक एवं चारित्रिक दोनों प्रकार की कमियों की ओर संकेत करना चाहती है। शंकर की कमर थोड़ी झुकी-सी है। इस कारण कॉलेज में उसके दोस्त यह कहकर उसका मजाक उड़ाते थे कि शंकर की 'बैकबोन' नहीं है। उसी कॉलेज में पढ़ी होने के कारण उमा भी इस बात को जानती है। इसी प्रकार एक बार कॉलेज में लड़कियों के हॉस्टल के इर्द-गिर्द चक्कर लगाने के कारण शंकर को वहाँ से भगाया गया था। तब वह नौकरानी के पैरों में पड़कर अपना मुँह छिपाकर वहाँ से भागा था। उसकी यह हरकत उसकी चारित्रिक कमी की ओर संकेत करती है।



प्रश्न   - रीढ़ की हड्डी' शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए। 


उत्तर- प्रस्तुत एकांकी का शीर्षक 'रीढ़ की हड्डी' एक प्रतीकात्मक शीर्षक है तथा अपने आप में पूरी तरह सार्थक है। रीढ़ की हड्डी का कार्य कमर को सीधा व शरीर को मजबूत रखना है। जिस प्रकार रीढ़ की हड्डी के अभाव में शरीर में कमजोरी और कमर का झुक जाना स्वाभाविक है, उसी प्रकार चरित्र रूपी 'रीढ़ की हड्डी' के अभाव में समाज का विकृत हो जाना स्वाभाविक है। प्रस्तुत एकांकी में लेखक ने शंकर के रूप में एक ऐसे ही लड़के का चित्रण किया है जिसकी न केवल वास्तविक रीढ़ की हड्डी झुकी हुई है अपितु उसकी चरित्र रूपी हड्डी भी नहीं है। वह एक दब्बू, खींसे निपोरने वाला तथा चरित्रहीन नौजवान है, जो अपनी हरकतों से समाज को कमजोर करता है। दूसरी ओर इस एकांकी में लेखक ने उमा के रूप में एक ऐसी चरित्रवान, कर्मठ, स्पष्टवादी, निड़र लड़की का चित्रण किया है, जो अपने चरित्र रूपी हड्डी से समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास करती है। इस प्रकार लेखक ने प्रतीक रूप में 'रीढ़ की हड्डी' वाक्यांश को दोनों के चरित्र के माध्यम से सार्थक किया है। अतः कहा जा सकता है कि प्रस्तुत एकांकी का शीर्षक पूरी तरह सही है। 




प्रश्न  - इस एकांकी का क्या उद्देश्य है? लिखिए।


उत्तर- ‘रीढ़ की हड्डी' एक सोद्देश्य एकांकी है। इसके माध्यम से लेखक यह स्पष्ट करना चाहता है कि लड़का-लड़की में भेदभाव करना सही नहीं है। लेखक का विचार है कि स्त्रियों को उच्च शिक्षा दी जानी चाहिए। साथ ही उनको पुरुष के बराबर समान अधिकार व सम्मान मिलना चाहिए। रिश्ता करते समय लड़कियों से तरह-तरह प्रश्न पूछकर उन्हें अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ-साथ लेखक ने गोपाल प्रसाद जैसे व्यक्तियों पर करारा व्यंग्य किया है जो नारी जाति को उन सभी अधिकारों से वंचित करना चाहते हैं जो पुरुषों को प्राप्त हैं। यही नहीं, लेखक यह भी स्पष्ट करता है कि हमारे समाज को शंकर जैसे लड़कों की नहीं बल्कि उमा जैसी लड़कियों की आवश्यकता है, जो अपने चारित्रिक बल से हमारे समाज को एक नई दिशा दे सकती हैं।तथा पति की बात का सम्मान करने वाली स्त्री है।


EXTRA QUESTIONS ANSWERS       


 प्रश्न  - शंकर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।


उत्तर- शंकर गोपाल प्रसाद का पुत्र है। वह एक दुबला-पतला तथा झुकी कमर वाला नवयुवक है। उसके मित्र कहते हैं कि उसकी बैकबोन (रीढ़ की हड्डी) नहीं है। वह बी.एस-सी. उत्तीर्ण है तथा डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है। उसकी आवाज पतली तथा खिसियाहट भरी है। वह खींस निपोरने वाला नौजवान है। उसका चरित्र कुछ ठीक नहीं है। वह लड़कियों के हॉस्टल के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हुए पकड़ा जा चुका है। वह एक दब्बू किस्म का लड़का है जो अपनी बात को स्पष्टता से कहने में असमर्थ है।




प्रश्न  - उमा की चरित्रगत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।


उत्तर- उमा रामस्वरूप व प्रेमा की लड़की है। वह एक बी.ए. पास युवती है, जो पढ़ाई के साथ-साथ चित्रकला, संगीत, बुनाई, कढ़ाई व सिलाई आदि कलाओं में भी दक्ष है। वह निहायत ही खूबसूरत और संस्कारवान लड़की है जिसे अपनी तथा अपने परिवार की इज्जत का सदैव ख्याल रहता है। अपनी इन सभी विशेषताओं के अलावा उमा एक निड़र स्पष्टवादी तथा तेजस्वी युवती है। यही कारण है कि वह अधिक देर तक अपने होने वाले ससुर के अनावश्यक प्रश्नों को सहन नहीं कर पाती और अपने होने वाले पति के चरित्र की कमी को सबके सामने न केवल उजागर कर देती है अपितु उन्हें वहाँ से शर्मिंदा होकर चुपचाप चले जाने पर मजबूर कर देती है।





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